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पीएम मोदी भी रहे हैं ‘गोरक्षक’, इस किताब से हुआ खुलासा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गोरक्षक रहे हैं. गुजरात में उन्होंने न सिर्फ गोपालन को बढ़ावा दिया बल्कि खुद भी एक गांव में गोशाला बनवाकर वहां सैकड़ों गायों के रहने का बंदोबस्त कराया. ये खुलासा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर लिखी गई किताब 'स्पीकिंगः द मोदी वे' के जरिए सामने आया है.

'स्पीकिंगः द मोदी वे' के लेखक वीरेंदर कपूर हैं 'स्पीकिंगः द मोदी वे' के लेखक वीरेंदर कपूर हैं
राकेश उपाध्याय/रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गोरक्षक रहे हैं. गुजरात में उन्होंने न सिर्फ गोपालन को बढ़ावा दिया बल्कि खुद भी एक गांव में गोशाला बनवाकर वहां सैकड़ों गायों के रहने का बंदोबस्त कराया. ये खुलासा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर लिखी गई किताब 'स्पीकिंगः द मोदी वे' के जरिए सामने आया है.

गुजरात के सीएम रहते हुए गायों के लिए ये काम
पुस्तक के लेखकर वीरेंदर कपूर हैं और इसका प्रकाशन रूपा पब्लिकेशन, नई दिल्ली ने किया है. पुस्तक के पेज नंबर 15 पर लेखक वीरेंदर कपूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पशु प्रेम का जिक्र किया है और खास तौर पर इस बारे में बताया है कि गुजरात के सीएम रहते हुए उन्होंने पशुशाला और गोशालाओं को लेकर बेहतरीन काम किया. न सिर्फ पशुओं के स्वास्थ्य की देख-रेख करने के लिए पशु चिकित्सा मेले शुरू हुए बल्कि उन्होंने एक इलाके में सड़कों पर भटकने वाली गायों को बड़ी तादाद में इकट्ठा करवाकर उनके गोशाला में रहने का बंदोबस्त किया.

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इसके लिए गुजरात के अकर्डा गांव में गोशाला बनाई गई और वहां शुरुआती चरण में 1100 गायों को रखकर उनका सही तरीके से पालन-पोषण सुनिश्चित किया गया. पुस्तक के मुताबिक, नरेंद्र मोदी के इस प्रयास से जहां सड़कों पर गोबर बिखरे रहने की समस्या खत्म हुई, वहीं गोवंश के गोबर से गैस उत्पादन का काम भी गोशाला में शुरू हुआ.

जानिए कैसी रहती है पीएम मोदी की दिनचर्या?
पुस्तक में प्रधानमंत्री के अनेक अनछुए पहलुओँ को भी उकेरा गया है. मसलन, प्रधानमंत्री सुबह 5 बजे उठ जाते हैं, दिन की शुरुआत वो एक प्याली चाय से करते हैं और उसके बाद योगासन और प्राणायम में जुट जाते हैं. वो साल में करीब 300 दिन योग करते हैं. प्रतिदिन सुबह वो हल्का नाश्ता लेकर 9 बजे तक दफ्तर में बैठ जाना पसंद करते हैं. अपने काम की शुरुआत वो वेब पोर्टल खंगाल कर करते हैं और टेलीविजन न्यूज चैनल ज्यादातर रात के वक्त डिनर के समय ही देखते हैं. वो जरूरत से ज्यादा एक पाई खर्च करने के इच्छुक नहीं रहते, न तो निजी जीवन में और न ही सरकार के काम-काज में.

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ऐसे कपड़े इस्त्री करते थे मोदी
प्रधानमंत्री की भाषण शैली पर केंद्रित इस पुस्तक में उनकी जीवन यात्रा पर कुछ नए प्रसंगों को भी उभारा गया है. संगीत और सादगी से उनके लगाव के बारे में बताया गया है. साथ में बीजेपी संगठन में काम करते वक्त के अनेक प्रेरक उदाहरण भी नए सिरे से दिए गए हैं. मोदी अक्सर वो अपने कपड़े प्रेस करने के लिए खौलते पानी से भरे पीतल के लोटे का इस्तेमाल करते थे.

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