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परिवार का दावा- नाथूराम गोडसे ने कभी नहीं छोड़ा था संघ

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के परिवार ने साफ तौर पर कहा है कि गोडसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कट्टर सदस्य था. परिवार ने ये भी कहा कि संघ ने गोडसे को न तो कभी निकाला था और न वो आरएसएस से अलग हुए थे.

नाथूराम गोडसे नाथूराम गोडसे
रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के परिवार ने साफ तौर पर कहा है कि गोडसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कट्टर सदस्य था. परिवार ने ये भी कहा कि संघ ने गोडसे को न तो कभी निकाला था और न वो आरएसएस से अलग हुए थे.

सात्यकी के पास नाथूराम गोडसे के सभी लेख सुरक्षित
नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के परिवार से जुड़े सात्यकी सावरकर ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि उनके परिवार ने नाथूराम और गोपाल गोडसे के सभी लेख संभालकर रखे हैं और उनमें से कुछ से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि नाथूराम गोडसे 1930 के दशक की शुरुआत तक RSS का संघ सदस्य था. इसके बाद वह संघ की कट्टरता में कथित तौर पर कम होने की वजह से उससे कुछ दूर हो गया था.

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संघ पर बयान देकर फंसे राहुल गांधी
गोडसे के परिवार का यह बयान तब सामने आया है, जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गांधी जी की हत्या को लेकर संघ से जुड़े अपने बयान को लेकर मानहानि के केस का सामना कर रहे हैं. राहुल ने कहा था कि आरएसएस के लोगों ने गांधीजी को गोली मारी और आज उनके लोग गांधीजी की बात करते हैं.

'इस्लामिक स्टेट के पूरी तरह खिलाफ थे गोडसे'
सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल सात्यकी ने कहा, 'नाथूराम का मानना था कि हिंदुओं पर कई तरह से अत्याचार होने के बावजूद संघ पर्याप्त रूप से आक्रामक रुख नहीं अपना रहा था. फिर भी उन्होंने हैदराबाद के निजाम के खिलाफ भाग्यपुर में 1938-39 में 'मुक्ति संग्राम' में हिस्सा लिया था.' उन्होंने कहा, 'नाथूराम जी इस्लामिक राज्य के पूरी तरह खिलाफ थे, जो निजाम हैदराबाद में स्थापित करना चाहते थे. संघ के साथ मतभेदों के बावजूद नाथूराम मानते थे कि निजाम के शासन के खिलाफ स्वयंसेवकों के संघर्ष को समर्थन देने की जरूरत है.'

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हिंदू महासभा को फिर शुरू कर रहे हैं सात्यकी
सात्यकी गोपाल गोडसे के पड़पोते हैं. गोपाल नाथूराम गोडसे के छोटे भाई थे और गांधी मर्डर केस में आरोपी भी थे. सात्यकी अब वास्तविक हिंदू महासभा को फिर से जीवित कर रहे हैं. हिंदू महासभा की स्थापना हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर ने की थी.

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