
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि दादरी
कांड एक पूर्व नियोजित साजिश थी, कोई दुर्घटना नहीं. वहां भीड़ को हमले के
लिए उकसाया गया था. आयोग आज इस घटना को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी करने जा रहा
है.
अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य फरीदा अब्दुल्ला ने रिपोर्ट जारी करने की जानकारी देते हुए आज तक को बताया कि हमने दादरी के बिसहेड़ा गांव में जाकर पूछताछ की. जानकारी जुटाई जिससे पता चला कि पीड़ित परिवार से किसी की दुश्मनी नहीं थी. वहां ऐसी कोई भी वजह नहीं थी जो कि इस तरह के हमले के लिए जिम्मेदार बन सके.
फरीदा के मुताबिक यह घटना उस वक्त हुई जब सब लोग अपने घरों में सो रहे थे. गांव के किसी मुसलमान को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस तरह की वारदात होने वाली है.
आयोग की सदस्य ने कहा कि बिना किसी पूर्व योजना के अचानक किसी को मारने के लिए गांव के इतने सारे लोगों को इकट्ठा करना मुमकिन नहीं था. वहां लोगों में जुनून भरा गया. उन्हें उकसाया गया.
फरीदा का मानना था कि यह घटना एक परिवार के खिलाफ नहीं बल्कि एक पूरे समुदाय के खिलाफ थी. यह एक समुदाय के खिलाफ हिंसा की बढ़ता ज्वार है. खासकर मुसलमानों के खिलाफ. और इसे हवा दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि आज महसूस हो रहा है कि मुसलमानों पर कभी भी हमला किया जा सकता है. और इसके लिए कोई जवाबदेही नहीं है.