
दिल्ली के रेल म्यूजियम में को एंटरटेनमेंट का अड्डा बनाने की योजना चल रही है. यहां अब आप नाच-गाने से लेकर खाने-पीने और फैशन शो का भी मजा ले सकेंगे. दिल्ली आने वाले टूरिस्टों और इवनिंग लाइफ की सुविधाओं और मनोरंजन का ख्याल रखते हुए रेलवे अब रेल म्यूजियम को अलग ही रंग ढंग में रंगने जा रहा है. नेशनल रेल म्यूजियम को नए तरीके से कॉर्पोरेट स्टाइल में चलाने की योजना है. इसके लिए म्यूजियम को पेशेवर ढंग से चलाने के लिए भारतीय रेल खानपान और पर्यटन निगम यानी आईआरसीटीसी को ये जिम्मा सौंपने की तैयारी चल रही है.
म्यूजियम को इवनिंग टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप किए जाने के लिए आईआरसीटीसी खुद आगे आई है और इसके इस सरकारी कंपनी ने अपना प्लान भी रेल मंत्रालय को सौंप दिया है. आईआरसीटीसी के सीएमडी ए के मनोचा के मुताबिक नेशनल रेल म्यूजियम जिस जगह पर बना हुआ है वो जगह ही प्राइम लोकेशन है और यहां पर अगर इवनिंग टूरिस्ट एक्टिविटी शुरू की जाए तो रेलवे इस म्यूजियम से अच्छी कमाई कर सकती है.
उनके मुताबिक रेल म्यूजियम में हर दिन औसतन 2000 लोग आते हैं और ये संख्या वीक-डेज में 5000 को पार कर जाती. लेकिन शाम होते ही म्यूजियम बंद हो जाता है और साथ ही यहां पर पूरी व्यवस्था सरकारी तरीके से है जिससे यहां पर जो लोग एक बार आ जाते हैं वो अमूमन दोबारा यहां पर नहीं आते हैं. इसमें रंग भरने की जरूरत है. रेलवे का अनुमान है कि इनमें 25 प्रतिशत टूरिस्ट भी अगर हर दिन 300-400 रुपए का खाना खाते हैं तो इससे ही रेलवे को रोजाना 1.5 से 2 लाख रुपए की कमाई हो सकती है.
सीएमडी मनोचा के मुताबिक म्यूजियम में हर शाम 5 बजे के बाद से यहां विशेष कार्यक्रम शुरू करने का उनका प्लॉन है, इसमें लाइट एंड साउंड शो, फैशन शो, फिल्मों की शूटिंग के अलावा मनोरंजन के अनेक साधन उपलब्ध होंगे. टूरिस्ट निर्धारित शुल्क देकर इसका आनंद ले सकेंगे. उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य सालाना 100 करोड़ रुपए कमाई का है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आईआरसीटीसी रेल म्यूजियम को नए तरीके से संवारेगी.
डॉ मनोचा का कहना है कि महाराजा एक्सप्रेस और पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन के पुराने कोच को आधुनिक तरीके से तैयार उसे डाइनिंग कार में बदला जाएगा और आप शाही ट्रेन में बैठ कर रात के खाने का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा अलग से भी एक रेस्त्रां खोला जाएगा. दिलचस्प बात यह है कि यह रेस्त्रां मुम्बई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के सेन्ट्रल डोम की तरह तैयार किया गया है जिसके अंदर भारतीय रेल के इतिहास से जुड़े फोटोग्राफ भी लगे होंगे. मालूम हो कि छत्रपति शिवजी टर्मिनल को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है.