
भारत-नेपाल सीमा विवाद पर नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने मंगलवार को कहा कि उनका देश भारत के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करना चाहता है. ग्यावली ने कहा कि इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है.
इस मुद्दे पर नेपाल के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री इश्वर पोखरेल का भी बयान आया है. पोखरेल ने कहा कि हम भारत के साथ बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझाएंगे. ये हमारी वचनबद्धता है. सेना लगाने का कोई तुक नहीं बनता. नक्शे को लेकर संसद में जो बिल पेश किया गया था उसे सभी पार्टियों का समर्थन मिला है. यहां तक कि जनता समाजवादी पार्टी ने भी इस बिल का समर्थन किया.
अब इस मामले में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली का बयान आया है. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बजट पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि नेपाल भारत के साथ बातचीत करना चाहता है. बजट चर्चा में उन्होंने सुगौली संधि के बारे में बात की और भारत के साथ मौजूदा स्थिति के बारे में संसद को बताया. नेपाल में मंगलवार को बजट पास होने वाला है जिसके बाद नक्शे का नया रूप पेश किया जाएगा.
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गौरतलब है कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए नेपाल ने पहले भी बातचीत पर जोर दिया है. नेपाल ने कहा है कि भारत और नेपाल की ओर से सिर्फ एकपक्षीय तरीके से देश का नक्शा जारी करने से समस्या का समाधान नहीं हो जाएगा. नक्शे से जुड़ी समस्या का समाधान बातचीत के जरिए ही हो पाएगा.
नेपाल सरकार के उच्च सूत्रों ने अभी हाल में इंडिया टुडे को बताया था कि हालांकि दोनों देशों ने अपनी अपनी सीमाओं के नक्शे प्रकाशित किए हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का निर्धारण आपसी सहमति से होता है, भले ही नक्शे में कुछ भी दिखाया गया हो, या फिर जमीन पर वास्तविक कब्जा कुछ भी हो. इससे जुड़े विवादों का निपटारा आपसी संबंधों और समझौतों के जरिए किया जाता है.