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सरकार के वापस बुलाने के बाद भी दिल्ली में क्यों हैं नेपाल के राजदूत?

नेपाल सरकार की ओर से नई दिल्ली में तैनात अपने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को वापस बुलाने के आदेश दिए जाने के बाद भी वह राष्ट्रीय राजधानी में जमे हुए हैं. बताया जा रहा है कि उपाध्याय ने इस बात से भी इनकार किया है कि उन्होंने भारत के साथ मिलकर नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिराने की कोशिश की.

नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय
अंजलि कर्मकार
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2016,
  • अपडेटेड 9:36 AM IST

नेपाल सरकार की ओर से नई दिल्ली में तैनात अपने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को वापस बुलाने के आदेश दिए जाने के बाद भी वह राष्ट्रीय राजधानी में जमे हुए हैं. बताया जा रहा है कि उपाध्याय ने इस बात से भी इनकार किया है कि उन्होंने भारत के साथ मिलकर नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिराने की कोशिश की.

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उपाध्याय को वापस बुलाने की नहीं दी गई आधिकारिक सूचना
नेपाली दूतावास के सूत्रों ने बताया, ‘राजदूत को वापस बुलाए जाने के मुद्दे पर हमें कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. मीडिया में ही ऐसी खबरें आ रही हैं. इसलिए वह अपनी मौजूदा स्थिति में बने हुए हैं.' नेपाल सरकार की ओर से उपाध्याय को वापस बुलाए जाने की कोई औपचारिक घोषणा तो नहीं की गई है, लेकिन काठमांडू से आने वाली खबरों में विदेश मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ओली सरकार को लगभग गिरा देने वाले सत्ता संघर्ष में उपाध्याय की कथित भूमिका के कारण उन्हें बुलाया जा रहा है.

क्या है वापस बुलाने की वजह
नेपाल के विदेश मंत्रालय के साथ उपाध्याय के कथित असहयोग और काठमांडू में तैनात भारतीय राजदूत रंजीत राय के साथ हाल ही में उनके तराई क्षेत्र के दौरे पर जाने को इस फैसले की वजह बताया जा रहा है. हालांकि, इससे पहले आई खबरों के मुताबिक, नेपाली राजदूत ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने नेपाल में केपी ओली की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार को गिराने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर कोई साजिश नहीं रची.

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