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आज फिर हो सकता है ग्लोबल साइबर अटैक, इसे रोकना आसान नहीं!

सिक्योरिटी रिसर्च से जुड़ी एक संस्था ने रविवार को चेतावनी दी है कि शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक के बाद दूसरा बड़ा साइबर अटैक सोमवार को हो सकता है.

कल होगा अगला ग्लोबल साइबर अटैक कल होगा अगला ग्लोबल साइबर अटैक
साकेत सिंह बघेल/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2017,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST

सिक्योरिटी रिसर्च से जुड़ी एक संस्था ने रविवार को चेतावनी दी है कि शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक के बाद दूसरा बड़ा साइबर अटैक सोमवार को हो सकता है. बीते शुक्रवार को हुए साइबर अटैक से दुनिया भर के 125,000 से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम इंफेक्ट हो गए थे.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के सिक्योरिटी रिसर्च 'मैलवेयर टेक' ने अंदेशा जताया है कि दूसरा साइबर अटैक सोमवार को होने की संभावना है. मैलवेयर टेक ने रैनसमवेयर हमले को सीमित करने में मदद की. इस वायरस ने यूजर्स की फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया. यह वायरस स्पेन, फ्रांस और रूस सहित 100 देशों में फैल गया.

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इंग्लैंड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं (एनएचएस) ट्रस्ट और स्कॉटलैंड के 13 एनएचएस निकाय इसके शिकार हुए. इससे कुछ अस्पतालों को अपनी सेवाएं रद्द करनी पड़ी. कंप्यूटरों को नियंत्रण में लेने के बाद वायरस ने एक मैसेज प्रेजेंट किया, जिसमें फाइलों को खोलने और उपभोक्ताओं के इस्तेमाल करने के लिए वर्चुअन मनी में 300 डॉलर बिटक्वाइन के भुगतान की मांग की गई.

वायरस के फैलने से रोकने के लिए एक डोमेन का पंजीकरण कराए जाने के बाद मैलवेयर टेक का 'आकस्मिक हीरो' के तौर पर स्वागत किया गया. मैलवेयर टेक अपनी पहचान नहीं जाहिर करना चाहता.

बीबीसी से 22 वर्षीय व्यक्ति ने रविवार को कहा, 'हमने इसे रोक दिया है, लेकिन कोई दूसरा आ रहा है और इसे हम नहीं रोक पाएंगे.'

उन्होंने कहा, 'उनके पास इस काम को करने के अच्छे मौके हैं. इस सप्ताह के अंत नहीं, लेकिन इसे सोमवार सुबह तक करने की संभावना है. उन्होंने ट्वीट किया, 'वान्नाक्रिप्ट का वर्जन 1 रोक दिया गया, लेकिन वर्जन 2.0 को शायद ही हटाया जा सके. इस हमले से आप तभी सुरक्षित हैं, यदि आप जल्द से जल्द मरम्मत कर सकें.'

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जांचकर्ता शुक्रवार को रैनसमवेयर का इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इसका इस्तेमाल करने वालों को वाना डिक्रिप्टर या वानाक्राई के नाम से जाना जाता है.

यह वायरस माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सॉफ्टवेयर की आसानी से हैक होने का लाभ उठाता है, जिसकी पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा पहचान की गई थी.

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