Advertisement

दिल्ली के पानी में बढ़ा अमोनिया का स्तर, NGT ने सैंपल लेने का दिया आदेश

NGT ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिल्ली के ITO बैराज, ताजेवाला, ओखला और वजीराबाद से पानी के सैंपल इकट्ठा करने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने और पानी की किल्लत के मामले में NGT का यह आदेश सामने आया है.

NGT NGT
राम कृष्ण/पूनम शर्मा
  • ,
  • 13 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

NGT ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिल्ली के ITO बैराज, ताजेवाला, ओखला और वजीराबाद से पानी के सैंपल इकट्ठा करने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने और पानी की किल्लत के मामले में NGT का यह आदेश सामने आया है.

NGT ने कहा कि सैंपल की रिपोर्ट से पता लगाया जाए कि दिल्ली में किन-किन जगहों पर अमोनिया का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचा हुआ है. कोर्ट ने कहा कि 16 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को ये रिपोर्ट NGT को देनी होगी.

Advertisement

मंगलवार की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने NGT ने कहा कि हम शर्त के मुताबिक शेयर एग्रीमेट के तहत दिल्ली को उतना पानी दे रहे हैं, जितना देना चाहिए. हरियाणा सरकार किसी शर्त का उल्लंघन नहीं कर रही है. दिल्ली के पास 40 साल पुराना प्लांट है, जो अमोनिया के बढ़े हुए लेवल को ट्रीट नहीं कर पा रहा है. हमारा काम यमुना में पानी देना है. उसको ट्रीट करने का काम जल बोर्ड और दिल्ली सरकार का है.

हरियाणा सरकार ने कहा कि अगर एनडीएमसी और साउथ दिल्ली को पानी नहीं मिल पा रहा है, तो यह हमारी समस्या नहीं है. इस बाबत जल बोर्ड ने कोई तैयारी नहीं की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हरियाणा को भी हतनीकुण्ड से पानी नहीं मिल पा रहा है. हरियाणा की भी अपनी समस्याएं है. यमुना को हरियाणा कंट्रोल नहीं कर सकता. दिल्ली सरकार ने NGT से कहा कि हमें हरियाणा से जो पानी मिलना चाहिये था, वो साफ पानी देनी की बात हुई थी. जबकि अमोनिया का 2.5 का स्तर है, जो जहरीला है. जो सुप्रीम कोर्ट में हुए समझौते का उल्लंघन है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि हमें पोर्टेबल पानी नहीं मिल रहा है. मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली और हरियाणा के वकीलों की कहासुनी मे कोर्ट ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है और इसकी सुनवाई में संयम और भाषा को सभ्य रखने की जरूरत है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील ने कहा कि अभी उनको बोर्ड से इस बाबत कोई निर्देश नहीं मिला है. इससे नाराज कोर्ट ने कहा कि आपको पता है कि इस मामले की सुनवाई के लिए आज ख़ास तौर से कोर्ट ने सबको बुलाया है. फिर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को क्यों नहीं पता कि इस गंभीर समस्या पर आपका क्या एक्शन प्लान होना चाहिए?

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement