
यूपी के संभल जिले के 100 गांवों में दूषित पानी पीने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सुनवाई के दौरान चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यह काफी दुखद है कि देश में गरीब लोग और खासकर बच्चों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि गरीब इस दूषित पानी को पीने के लिए मजबूर हैं जिसमें आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा है.
एनजीटी ने यूपी सरकार और संबंधित एजेंसी को गांववालों को पोर्टेबल पानी देने का आदेश दिया है. एनजीटी ने कहा है कि सरकार और एजेंसियां मिलकर गांव में लोगों को पीने का साफ पानी मुहैया कराने के लिए टैंकर भेजें. इसके अलावा एनजीटी ने उन हैंडपंपों को भी तुरंत सील करने के लिए कहा है जिनसे पानी के साथ आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा निकलती है. एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को कंप्रेसिव प्लान दाखिल करने के लिए कहा कि संभल इलाके में पानी कैसे पहुंचाया जाए.
दरअसल संभल जिले के करीब 100 गांवों का ग्राउंड वॉटर मैग्नीशियम और लौह जैसे तत्वों से भरा हुआ है. यहां का पानी देखकर ही पता लगता है कि वो पीने लायक नहीं है. यहां के पानी का रंग पीला है, जिसे पीकर हजारों की संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं. बता दें कि एनजीटी इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के कई गांवों में पीने का साफ पानी ना होने को लेकर सरकार और एजेंसियों को फटकार लगा चुकी है. इस मामले में कोर्ट अब 14 मार्च को सुनवाई करेगी.