
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गंगा में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिये अहम फैसला सुनाया है. एनजीटी ने गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सम्बंधित एजेंसियो को 50 हज़ार का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.
अपने फैसले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि गंगा किनारे स्थापित सभी फैक्टरियों को बंद किया जाए. अगर कोई इंडस्ट्री मालिक इसका पालन नहीं करते तो उनके खिलाफ करवाई की जाए. अपने आदेश में ट्रिब्यूनल ने ये भी कहा कि हरिद्वार से उन्नाव तक गंगा तट से 100 मीटर की दूरी तक किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा. अगर अभी 100 मीटर के अंदर कोई फैक्ट्री या निर्माण कार्य हो रहा है तो उसे तुरंत कहीं और शिफ्ट किया जाए.
गंगा की सफाई को लेकर गंभीर एनजीटी ने न केवल जुर्माने का सख्त आदेश दिया है बल्कि एक कमेटी भी बनाई है. ये कमेटी एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखेगी. 543 पेज के आदेश में एनजीटी ने कहा कि गंगा किनारे से 500 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का प्रदूषण या कूड़ा न फैलाया जाए, अगर कोई इस अदेश का पालन नहीं करता है तो संबंधित एजेंसियां उसके खिलाफ करवाई करते हुए जुर्माना लगाएं. वहीं अपने आदेश में NGT ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार को गंगा के किनारे बने घाटों सौंदर्यकरण के निर्देश दिए.
गौरतलब है कि फैसले से पहले एनजीटी गंगा सफाई को लेकर तमाम राज्यों को कई बार फटकर भी लगा चुका है. साथ ही एनजीटी ने गंगा किनारे बनी हुई फैक्टरियों को तत्काल हटाने का निर्देश दिया था क्योंकि नालों से निकलने वाला जहरीला केमिकल गंगा में जा कर उसे प्रदूषित करता है. फिलहाल, एनजीटी ने गंगा की सफाई को लेकर अपना अहम फैसला सुना दिया है, लेकिन एनजीटी के इस आदेश पर राज्य सरकारें कितने गंभीर कदम उठाती हैं, इससे ही तय होगा कि गंगा कितनी और कितने समय में साफ हो पाएगी.