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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राजधानी में नॉन बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग पर अंतरिम रोक लगा दी है. एनजीटी ने ये रोक प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल और स्टोरेज दोनों पर लगाई है. एनजीटी ने गुरुवार को दिल्ली सरकार और एमसीडी को को आदेश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है.
एनजीटी ने 50 माइक्रोन से अधिक वाले नॉन बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का अंतरिम आदेश पारित किया है. एनजीटी ने अपने आदेश मे कहा है कि कोई भी व्यक्ति इस श्रेणी के प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल करता पाया गया तो उससे पांच हजार रुपये बतौर पर्यावरण शुल्क वसूला जाएगा.
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए कि वह एक सप्ताह के अंदर राजधानी में मौजूद इन प्लास्टिक बैग के स्टॉक को जब्त करे. सरकार और दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से एनजीटी में हलफनामा देकर ये बताएं कि वेस्ट मैनेजमेंट और प्लास्टिक बैग डिस्पोजल के लिए उनकी योजना क्या है.
एनजीटी ने पिछले साल ही डिस्पोजेबल प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाने का फैसला लिया था. साथ ही दिल्ली सरकार को निर्देश दिए गए थे कि वह शहर से निकलने वाले कूड़े को कम करने की दिशा में कुछ कदम उठाये. मामले में बीती 31 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान सरकार को कुछ न करने पर फटकार भी लगाई थी.
एनजीटी शादियों और पार्टी अक्सर इस्तेमाल होने वाले डिस्पोजेबल प्लास्टिक के सामान को पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है. लेकिन एनजीटी के आदेश के बावजूद आज भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. सड़क पर कचरा फेंकने वाले रेहड़ी पटरी वालों पर भी एनजीटी ने 10 हजार रुपये का पर्यावरण मुआवजा वसूलने का निर्देश दिया है. इस मामले मे एनजीटी अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.