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पटरियों पर गंदगी को लेकर एनजीटी ने लगाई रेलवे को फटकार

रेलवे के साथ सख्ती से पेश आते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम से कहा कि वह पटरियों पर मल त्यागने वालों और कचरा फेंकने वालों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाए और उनके साथ सख्ती से पेश आए.

एनजीटी ने लगाई रेलवे को फटकार एनजीटी ने लगाई रेलवे को फटकार
BHASHA/सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:55 AM IST

रेल पटरियों पर अक्सर पड़े रहने वाले मानव मल और कचरे के मुद्दे पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रेलवे को फटकार लगाई है. साथ ही दिल्ली में मौजूद प्राधिकरणों को ये निर्देश दिए हैं कि वे पटरियों के पास बनी झुग्गी बस्तियों के पुनर्वास पर जल्द फैसला लें.

रेलवे के साथ सख्ती से पेश आते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम से कहा कि वह पटरियों पर मल त्यागने वालों और कचरा फेंकने वालों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाए और उनके साथ सख्ती से पेश आए.

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एनजीटी ने कहा, 'आप राजधानी में 15 किलोमीटर तक की पटरी को भी साफ नहीं रख सकते. यदि आप पटरियों के साफ होने का दावा करते हैं तो फिर वहां कचरा कैसे आ सकता है? हम निगमों समेत सभी प्राधिकरणों को ये निर्देश देते हैं कि वे पूरा सहयोग करें और यह सुनिश्चित करें कि रेल पटरियां साफ हों, उन पर कोई कचरा न हो. साथ ही पटरियों के आस-पास गंदा पानी भी जमा नहीं होना चाहिए. सुनवाई की अगली तारीख यानी 30 मार्च से पहले न्यायाधिकरण के सामने स्थिति रिपोर्ट जमा कराई जानी चाहिए.'

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड को निर्देश दिया कि वह रेल पटरियों के आस-पास की झुग्गी बस्तियों के पुनर्वास पर जल्द फैसला ले. इसके साथ ही पीठ ने इन्हें निर्देश दिया कि वे इन झुग्गी बस्तियों को नई जगह बसाने से जुड़ी पूरी कार्य योजना जमा कराएं.

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पीठ ने कहा, 'दिल्ली विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, रेलवे को डीयूएसआईबी के साथ मिलकर दो सप्ताह के भीतर बैठक आयोजित करनी चाहिए. पटरियों के पास बनी झुग्गियों को स्थानांतरित करने के संदर्भ में पूरी कार्य योजना न्यायाधिकरण के सामने जमा करवानी चाहिए. झुग्ग्यिों को स्थानांतरित करने के लिए उन्हें वैकल्पिक आवास उपलब्ध करवाया जाना चाहिए.

पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह झुग्ग्यिों के पुनर्वास के लिए 11 करोड़ रुपये की उस राशि का उपयोग करे, जो उसके पास वर्ष 2003 से जमा है. न्यायाधिकरण ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए कि वह झुग्गी बस्तियों के पास उन स्थानों पर शौचालयों का निर्माण तेजी से कराए, जिनपर पहले ही रेलवे की ओर से मंजूरी दी जा चुकी है.

रेलवे की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ को बताया कि रेलवे राजधानी में रेल की पटरियां साफ रखने का हर संभव प्रयास कर रहा है. रेलवे की जमीन पर पेड़ लगाए जाएंगे. दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि रेल की पटरियों पर मानव मल को रोकने के लिए वे शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है.

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