
पटियाला हाउस कोर्ट में आज मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद निर्भया के दोषियों की फांसी फिलहाल टल गई है. कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नहीं चाहती है कि दोषियों को फांसी हो.
आशा देवी ने कहा, 'फांसी में देरी के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है. दोषियों को फायदा क्यों मिल रहा है. मेरी बेटी की हत्या हुए सात साल हो गए, लेकिन आज भी मैं न्याय के लिए लड़ रही हूं. यह सरकार की गलती है. मैं एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट जा रही हूं बस. मुझे क्यों सजा दी जा रही है.'
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फांसी टली
दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया केस के एक अन्य दोषी मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई. अब 22 जनवरी को दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती है. वहीं कोर्ट ने इस मामले में जेल अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी है. कोर्ट ने कहा है कि जेल अधिकारियों को यह रिपोर्ट देनी होगी कि वे 22 जनवरी को फांसी नहीं देंगे.
मामले में दिल्ली सरकार ने गुरुवार को कोर्ट में एक रिपोर्ट दाखिल की. जिसमें मुकेश की अर्जी को खारिज कर एलजी के पास भेज देने की बात कही गई है. अब कोर्ट ने जो विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, उसमें सभी जानकारियों को दिल्ली सरकार और जेल अथॉरिटी को कोर्ट में देना होगी.
22 जनवरी को फांसी की तारीख
निर्भया के साथ साल 2012 में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के गुनहगारों के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने डेथ वारंट जारी किया. पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने डेथ वारंट जारी करते हुए दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी देने का निर्देश दिया. पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर मामले में दोषी पाए गए हैं.