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क्या 3 मार्च को ही होगी निर्भया के दोषियों को फांसी? दोषी पवन पर सबकी नजर

दरअसल, इस गैंगरेप केस के चार दोषियों मुकेश कुमार सिंह, विनय कुमार शर्मा, अक्षय और पवन गुप्ता को फांसी होनी है. चार में तीन राष्ट्रपति के सामने दया याचिका भी लगा चुके हैं, लेकिन वो खारिज हो गई हैं. ऐसे में इन तीनों की फांसी का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है. जबकि चौथे दोषी पवन गुप्ता ने अभी तक न तो क्यूरेविट पिटीशन लगाई है और न राष्ट्रपति से दया की गुहार की है.

निर्भया गैंगरेप केस का दोषी पवन गुप्ता निर्भया गैंगरेप केस का दोषी पवन गुप्ता
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST

  • निर्भया के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट
  • पवन गुप्ता के पास अब भी बाकी हैं दो विकल्प
  • दोषी पवन के अगले एक्शन पर सबकी नजर

निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिये नया डेथ वारंट जारी हो चुका है. कोर्ट ने फांसी के लिये 3 मार्च का दिन मुकर्रर किया है. लेकिन अब भी यह वक्त टल सकता है और दोषियों की सांसों की मियाद बढ़ सकती है. सिर्फ दोषी पवन गुप्ता ऐसा करा सकता है.

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दरअसल, इस गैंगरेप केस के चार दोषियों मुकेश कुमार सिंह, विनय कुमार शर्मा, अक्षय और पवन गुप्ता को फांसी होनी है. चार में तीन दोषी मुकेश, विनय और अक्षय फांसी के बचने के लिए राष्ट्रपति के सामने दया याचिका भी लगा चुके हैं, लेकिन वो खारिज हो गई हैं. ऐसे में इन तीनों की फांसी का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है, इनके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. जबकि चौथे दोषी पवन गुप्ता ने अभी तक न तो सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेविट पिटीशन लगाई है और न राष्ट्रपति से दया की गुहार की है.

तो क्या और टल सकती है निर्भया के दोषियों की फांसी?

पवन गुप्ता अगर अपने विकल्पों का इस्तेमाल करता है तो 3 मार्च की फांसी भी टलना मुमकिन है. अगर पवन की तरफ से फांसी के दिन से ठीक पहले यानी 29 फरवरी के बाद क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाती है तो सुनवाई में समय लगने के कारण 3 मार्च की सुबह फांसी टल सकती है. इसके अलावा पवन के पास एक विकल्प ये भी है कि वो राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाये और जब तक राष्ट्रपति की ओर से इस संबंध में कोई फैसला आये तो उस कारण भी देरी हो सकती है.

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हाई कोर्ट ने दिया था पवन को मौका

हालांकि, एक तथ्य ये भी है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी पवन गप्ता को अपने सभी कानूनी विकल्पों को इस्तेमाल करने का मौका दिया था. होई कोर्ट ने पवन को एक हफ्ते का वक्त दिया था, जो 11 फरवरी को खत्म हो चुका है. इस मोहलत के दौरान भी पवन की तरफ से न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई और न ही दया याचिका.

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पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 फरवरी को जो तीसरा डेथ वारंट जारी किया, उसका आधार भी यही बना. कोर्ट के सामने दलील दी गई कि किसी भी दोषी की कोई भी याचिका कहीं भी पेंडिंग नहीं है, लिहाजा डेथ वारंट जारी किया जाये.

करीब एक घंटे चली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि ती दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की दया याचिका खारिज हो चुकी है. इसके अलावा पवन की तरफ से इस मामले में दया याचिका और क्यूरेटिव दाखिल होनी बाकी है, लेकिन हाई कोर्ट की तरफ से दी गयी एक हफ्ते की मियाद भी 11 फरवरी को खत्म हो चुकी है. सरकारी वकील ने कहा कि फिलहाल कोई भी याचिका किसी कोर्ट में लंबित नहीं है इसलिए नया डेथ वारेंट जारी किया जा सकता है.

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जबकि बहस के दौरान पवन के वकील रवि काजी ने कोर्ट को बताया कि वो क्यूरेटिव और दया याचिका लगाना चाहते हैं. वकील ने बताया कि वो जेल में आज (17 फरवरी) ही पवन से मिलकर आये हैं ,और पवन दया याचिका और क्यूरेटिव लगाने का इच्छुक है. यानी अगर ऐसा होता है तो 3 मार्च का दिन जो फांसी के लिये मुकर्रर किया गया है, वो टल भी सकता है. अब देखना ये होगा कि पवन की तरफ से अगर क्यूरेटिव पिटीशन लगाई जाती है तो कब तक लगाई जाती है.

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