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निर्भया गैंगरेप दोषियों के परिवार पर वक्त की मार, इस हाल में हैं घरवाले

अक्षय कुमार सिंह जब दिल्ली में आया था तो उसकी नई नई शादी हुई थी. उसे एक बच्चा भी है. घटना के वक्त वो बस में क्लीनर के तौर पर नौकरी कर रहा था. अब परिवार औरंगाबाद (बिहार) में रहता है. पत्नी बच्चे वही हैं. पिता बीमार रहते हैं. कोई देखने वाला नहीं है, कमाने वाला नहीं है.

निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों की फाइल फोटो निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों की फाइल फोटो
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

  • दोषियों का परिवार तंगहाली में, गरीबी ने कमर तोड़ी
  • दोषियों के वकील ने सवाल उठाया, कोर्ट पर भरोसा

निर्भया रेप कांड के बाद ज्यादातर आरोपियों के परिवार बिखर कर रह गए हैं. पवन गुप्ता के पिता हीरालाल गुप्ता फलों की रेहड़ी लगाते हैं, पत्नी विकलांग है, जिसे हार्ट और डायबिटीज की बीमारी है. दिल्ली के रविदास कैंप में परिवार रहता है. किसी तरह से परिवार का भरण-पोषण हो रहा है.

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दूसरा आरोपी विनय कुमार शर्मा है जिसके पिता की एक आंख की रोशनी जा चुकी है. पिता ठेके पर एयरपोर्ट पर काम करता है. उसकी मां बीमार है. एक बहन डायबिटिक है. दूसरी छोटी बहन भी बीमार रहती है. शादी करने की उम्र हो गई है लेकिन गरीबी के चलते बात आगे नहीं बढ़ पा रही.

कौन करेगा परिवार की देखभाल

तीसरे आरोपी का नाम अक्षय कुमार सिंह है. वह जब दिल्ली में आया था तो उसकी नई नई शादी हुई थी. उसे एक बच्चा भी है. घटना के वक्त वो बस में क्लीनर के तौर पर नौकरी कर रहा था. अब परिवार औरंगाबाद (बिहार) में रहता है. पत्नी बच्चे वही हैं. पिता बीमार रहते हैं. कोई देखने वाला नहीं है, कमाने वाला नहीं है. सिर्फ एक कमाने वाला अक्षय ही था जो अब जेल में है.

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विनय शर्मा पढ़ता भी था और जिम ट्रेनर के रूप में परिवार का भरण पोषण करता था. पवन गुप्ता अपने पिता के साथ फल की रेहड़ी पर हाथ बंटाता था और उससे परिवार का खर्च चलाता था. मुकेश राम सिंह का सगा भाई था. राम सिंह ने जेल में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी. राम सिंह ही परिवार में बड़ा था. राम सिंह के पिता अंधे थे जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. 

अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के वकील एपी सिंह का कहना है, परिवार की खस्ता हालत है. दोषी आतंकी नहीं हैं, हार्डकोर क्रिमिनल नहीं हैं, ये इनका पहला जुर्म है. ये पढ़ रहे हैं, उम्र कम है, फैमिली गरीबी से गुजर रही है. इसे देखते हुए कोर्ट को इन पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.

वकील ने कहा, अक्षय कुमार सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन डाली गई थी. एसएलपी खारिज होने के बाद जो नई परिस्थितियां आएंगी उस हिसाब से अक्षय, पवन और विनय की तरफ से क्यूरेटिव पिटीशन फाइल करेंगे. इस पर सुनवाई होने के बाद हम तीनों की तरफ से दया याचिका यानी मर्सी पिटीशन फाइल करेंगे.

क्या कहा वकील ने

तिहाड़ की तैयारी के बारे में दोषियों के वकील का कहना है कि 'ये दोषियों के मानवाधिकार का उल्लंघन है. बिना प्रक्रिया पूरी हुए फांसी का फंदा दिखा दिखा करके उन्हें जिंदा मारने की कोशिश कर रहे हैं. वे जब तक जी रहे हैं तब तक तो उन्हें जीने दो. एमनेस्टी इंटरनेशनल को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.

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निर्भया कांड के दोषियों के वकील एपी सिंह ने राष्ट्रपति के जोधपुर में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए कहा, "जिस तरह से गरीबों को न्याय नहीं मिलता, वैसे ही निर्भया के दोषियों के मामले में भी सारे नियम कानून ताक पर रखे जा रहे हैं."

दोषी के पिता ने कहा- बेटे ने नहीं किया जुर्म

फांसी के फंदे से चंद कदम दूर निर्भया गैंगरेप के चारों आरोपियों में से एक दोषी पवन गुप्ता के पिता हीरालाल गुप्ता ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, "पवन से उसकी मां लगातार मिलती रहती है. हर बार पवन यही कहता है कि उसे फंसाया जा रहा है. जुर्म किया ही नहीं है, झूठा केस है लेकिन कोर्ट पर भरोसा अभी है.

हीरालाल गुप्ता ने कहा, दुखद घटना हुई है, यह मानता हूं लेकिन मेरे बेटे ने नहीं किया है. बार-बार वो यही कहता है कि पापा मैं इसमें नहीं हूं. बनिया दुकानदारी करते हैं. हमारे खानदान में किसी पर कोई केस नहीं है. वह दुकान पर बैठता था, दुकानदारी करता था. उसे दुकान से उठाकर ले गए. हीरालाल ने पटियाला हाउस कोर्ट की चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में केस के एक मात्र गवाह अवनिंदर पांडेय (निर्भया के दोस्त) के खिलाफ क्रिमिनल केस फ़ाइल कर दिया है. निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन गुप्ता के पिता ने कहा, "इसलिए निर्भया के दोस्त के खिलाफ केस फ़ाइल कर रहा हूं क्योंकि उसकी झूठी गवाही पर सज़ा हुई.

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उधर वकील एपी सिंह ने कहा कि लड़का (निर्भया का दोस्त) पैसे लेकर इंटरव्यू कर रहा था. उसी की गवाही पर ट्रायल कोर्ट में, सुप्रीम कोर्ट में सजा हुई है जो कि पूरी तरह गलत था. आरोपी पवन के पिता ने कहा कि बेटे ने कुछ नहीं किया है और यकीन है कि न्याय मिलेगा.

तिहाड़ और दिल्ली सरकार पर निशाना

वकील ने कहा, विनय के बिना दस्तखत या अंगूठे वाली फर्जी दया याचिका दिल्ली सरकार ने जेल प्रशासन से मिलकर लगवा दी जबकि बीए में पढ़ने वाले विनय शर्मा ने कहा कि उसने कोई दया याचिका नहीं लगाई है. इसी बात के साथ कवरिंग लेटर को हमने एलजी, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को रिसीव करा दिया है.

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