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BJP की काट के लिए 'महागठबंधन' की खातिर नीतीश की नजर कांग्रेस पर

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विपक्ष को हर हाल में एकजुट होना पड़ेगा. नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए विपक्षी एकता के लिए इन्हें प्रयास करना चाहिए

नीतीश कुमार नीतीश कुमार
सुजीत झा
  • पटना,
  • 03 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 10:36 PM IST

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विपक्ष को हर हाल में एकजुट होना पड़ेगा. नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए विपक्षी एकता के लिए इन्हें प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे देश में नेताओं की कमी नहीं है. लेकिन उनमें एकजुटता होनी चाहिए. नीतीश कुमार का कहना है कि केन्द्र में जो सरकार है उसके खिलाफ सभी विपक्ष में एकजुटता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने लेफ्ट पार्टी से भी आग्रह किया है कि एकजुटता के लिए प्रयास करें.

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पांच राज्य में हुए चुनाव को लेकर नीतीश कुमार ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव तो हर साल कहीं न कहीं होता है बीजेपी पंजाब में हारी ये अलग बात है कि मणिपुर और गोवा में जोड़तोड़ कर सरकार बना लिया जबकि कांग्रेस सबसे पार्टी थी. उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश की परिस्थितियां अलग थीं वहां विपक्ष एकजुट नहीं था. अगर कांग्रेस बसपा और सपा मिल कर लड़े होते तो बीजेपी से 10 प्रतिशत ज्यादा वोट पाते. बिहार में बीजेपी इसलिए हारी क्योंकि यहां विपक्ष एकजुट था. अब यही एकजुटता पूरे देश में दिखानी होगी. तभी बेड़ा पार होगा.

हालांकि दिल्ली के एमसीडी चुनाव में ही बिहार के महागठबंधन कि पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. जेडीयू के साथ-साथ आरजेडी और कांग्रेस भी दिल्ली के एमसीडी चुनाव में दो-दो हाथ कर रही है. नीतीश कुमार का कहना है कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. सबकी राज्य इकाई होती है उसे भी लड़ने का मौका मिलना चाहिए. नीतीश कुमार भी दिल्ली जेडीयू के प्रचार के लिए जाएंगे.

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नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अवैध बूचड़खाना न के बराबर है. उन्होंने उत्तरप्रदेश के योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह नॉन इश्यु है पहले किसानों का कर्जा माफ कीजिए. बूचड़खाने का इश्यु बकवास है. उन्होंने कहा कि जरूरत की चीजों पर डिबेट नहीं हो रहा है देश को ठीक से लोग समझ नहीं रहे हैं. हमारा देश महान है, नॉन इश्यु पर मीडिया बहस करता है लेकिन एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई डिबेट नहीं होता है.

शराबबंदी को अभी मुद्दा नहीं बनाया जाता. कौन सा संविधान कौन सा धर्म कहता है कि शराब पीना जरूरी है लेकिन इस पर बहस नहीं होगी. हमने नोटबंदी का समर्थन किया इतना दिन हो गया लोग बेनामी संपत्ति पर हिट क्यों नहीं कर रहे हैं. जिसका भी बेनामी संपत्ति मिले उसे स्टेट को टेकओवर कर लेना चाहिए.

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