
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में दलितों को लुभाने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा दांव खेला है. मंगलवार को नीतीश कैबिनेट बैठक में दलितों, दलितों में खासकर युवा वर्ग को लेकर बड़े फैसले लिए गए. नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से आने वाले अभ्यर्थी अगर बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) या फिर यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) के प्रारंभिक परीक्षा पास करेंगे तो उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से ₹50 हजार और ₹1 लाख रुपये क्रमशः दिए जाएंगे.
कैबिनेट की बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों में रह रहे छात्रों को सरकारी सुविधा के तहत 15 किलो गेहूं और चावल प्रति महीने राज्य सरकार की ओर से मुफ्त दिया जाएगा. बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि छात्रावास में रहने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को हर महीने 1000 रुपये की राशि भी दी जाएगी.
बैठक में पुलिस विभाग को लेकर भी फैसला लिया गया. बैठक में यह फैसला लिया गया कि पुलिस विभाग के विशेष शाखा को मजबूत करने के लिए 437 नए पदों का सृजन किया जाएगा अपर पुलिस अधीक्षक के 12, उपाधीक्षक 22, दरोगा 129, सिपाही 25, चालक 16, सिपाही (जो कंप्यूटर जानते हों) 146, अवर निरीक्षक (जो कंप्यूटर जानते हों) 10 शामिल है.