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नीतीश कुमार की हुई ताजपोशी लेकिन बिहार सरकार की असल पावर लालू के हाथ में

बिहार सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे पर गौर करें तो यह साफ होता है कि बिहार में ताजपोशी भले ही नीतीश कुमार की हुई है लेकिन असल पावर कहीं न कहीं आरजेडी के पास है.

ब्रजेश मिश्र
  • पटना,
  • 20 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

बिहार में महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी को नंबर दो का ओहदा दिया गया है. तेजस्वी बिहार के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. शुक्रवार शाम मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया जिसमें लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप को स्वास्थ्य और सिंचाई मंत्री बनाया गया है. शनिवार शाम 5 बजे कैबिनेट की पहली बैठक होगी जिसमें सभी मंत्री मौजूद रहेंगे.

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डिप्टी सीएम बनने वाले तेजस्वी यादव को लोक निर्माण विभाग (PWD) और भवन निर्माण मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है. जबकि आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी को वित्त मंत्री बनाया गया है. उनके अलावा ललन सिंह को जल संसाधन, अशोक चौधरी को शिक्षा, विजेंद्र यादव को ऊर्जा और वाणिज्य, श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, मदन सैनी को खाद्य आपूर्ति, आलोक मेहता को सहकारिता और संतोष निराला को SC/ST मंत्री बनाया गया.

जेडीयू से होगा स्पीकर?
अब्दुल बारी सिद्दीकी को वित्त मंत्री बनाए जाने के बाद यह साफ हो गया कि विधानसभा अध्यक्ष का पद जेडीयू के खाते में जाएगा. इनके अलावा अब्दुल गफूर को अल्पसंख्यक, कपिल देव कामत को पंचायत राज, अनीता देवी को पर्यटन, विजय प्रकाश को श्रम संसाधन, राम विचार राय को कृषि, मदन मोहन झा को राजस्व और भूमि विकास और अवधेश कुमार को पशुपालन मंत्री बनाया गया है.

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नीतीश को ताज, लालू को राज!
मंत्रालयों के बंटवारे पर गौर करें तो यह साफ होता है कि बिहार में ताजपोशी भले ही नीतीश कुमार की हुई है लेकिन असल पावर कहीं न कहीं आरजेडी के पास है. तेजस्वी को डिप्टी सीएम बनाने के साथ ही PWD मंत्री बनाना और तेज प्रताप को भी स्वास्थ्य और सिंचाई जैसा अहम मंत्रालय सौंपना इस बात का साफ संकेत है. यही नहीं, अब्दुल बारी सिद्दीकी को वित्त मंत्री बनाकर आरजेडी ने अपना पलड़ा और भारी किया है.

लालू के बड़े बेटे ने दो बार ली शपथ
इससे पहले नीतीश कुमार शुक्रवार को लगातार तीसरी बार बिहार के सीएम बन गए. पटना के गांधी मैदान में उन्होंने पांचवीं बार सीएम पद की शपथ ली. उनके ठीक बाद लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने शपथ ली. बेटों को शपथ लेते देख लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भावुक हो गए. कहा जा रहा है कि अब तेजस्वी को लालू की राजनीतिक विरासत संभालनी है. तीसरे नंबर पर तेजप्रताप यादव ने शपथ ली, लेकिन उनकी जुबान फिसल गई और वह शपथ के दौरान 'अपेक्षित' को 'उपेक्षित' बोल गए. इस वजह से उन्हें दोबारा शपथ दिलाई.

येचुरी ने कहा- गरीबों के हित में काम करने वालों का गठबंधन
नीतीश के शपथ ग्रहण के बाद कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने से यह संकेत मिला है कि अगर अच्छी पार्टियां एक साथ आ जाएं तो बीजेपी जैसी बड़ी पार्टी को भी पटखनी दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एंटी बीजेपी शक्तियां नहीं हैं, यह उन तमाम लोगों का गठबंधन है जो सोचते हैं कि एक साथ मिलकर गरीबों के हित में काम किया जा सकता है और गरीबों को विकास की राह दिखाई जा सकती है.

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नीतीश के शपथ ग्रहण में इतनी बड़ी संख्या में गैरबीजेपी नेताओं का एकजुट होना 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की अभी से तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. क्योंकि कहीं न कहीं नीतीश का कद इस जीत के बाद बढ़ गया है.

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