
चारा घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को तगड़ा झटका लगा है. ये झटका ऐसा है जिससे लालू यादव के राजनैतिक भविष्य के साथ-साथ उनकी पार्टी के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. चारा घोटाले मामले में लंबी लड़ाई लड़ने वाले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि लालू यादव को लगे इस झटके से मुझसे ज्यादा नीतीश कुमार को खुशी हो रही होगी.
जनता दल यू और बीजेपी के नेताओं ने मिलकर चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी जिसमें से नीतीश कुमार के साथ जार्ज फर्नाडिस, ललन सिंह और शिवानंद तिवारी जैसे नाम हैं तो बीजेपी की तरफ से सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद और सरयू राय जैसे नेता शामिल हैं. आज जनता दल यू और नीतीश कुमार आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ महागठबंधन की सरकार चला रहे हैं. जबकि मोदी का कहना है कि लालू प्रसाद यादव अगर जेल गए तो उसमें बीजेपी और जनता दल यू की महत्वपूर्ण भूमिका थी.
इसलिए सुशील मोदी कहते हैं कि हमसे ज्यादा किसी को खुशी हो रही होगी तो वो नीतीश कुमार हैं. इसके पीछे उनका तर्क भी है उनका मानना है कि लालू प्रसाद यादव जितने घपले घोटाले में फंसे रहेंगे नीतीश कुमार को सरकार चलाने में उतनी ही आसानी होगी. अगर शहाबुद्दीन के साथ टेप का खुलासा हुआ तो नीतीश कुमार खुश हैं अगर चारा घोटाले में लालू की मुश्किलें बढीं तो नीतीश कुमार खुश हैं क्योंकि लालू यादव घुटने टेक कर इस सरकार में शामिल रहेंगे. लालू यादव डीएम, एसपी को फोन करते हैं वो बंद हो जाएगा. ट्रांसफर-पोस्टिंग की जो लिस्ट पेश करते हैं आयोग का गठन नहीं हो पा रहा है, बीस सूत्री आयोग का गठन नहीं हो पा रहा है. आरजेडी के जो मंत्री हैं वो नीतीश कुमार को रिपोर्ट न कर लालू यादव को रिपोर्ट करते हैं. शासन-प्रशासन दो भागों में बंटा हुआ है वो सब बंद हो जाएगा. ये नीतीश कुमार के लिए ज्यादा बेहतर स्थिति होगी. इसलिए लालू के कमजोर होने से मुझसे ज्यादा कोई खुश होगा तो वो है बिहार का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.
गठबंधन पर असर
सुशील कुमार मोदी का कहना है कि यह पुराने दिनों की बात है जब सुशासन, गुड गवर्नेंस, विकास की बातें होती थीं जब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे. आधे दर्जन से ज्यादा घोटाले अब तक हो चुके हैं. लालू प्रसाद यादव की एक हजार करोड़ की सम्पति का खुलासा हो चुका है. शहाबुद्दीन के साथ लालू के बातचीत का टेप सार्वजनिक हो चुका है. राजबल्लभ यादव और बिन्दी यादव पर ट्रायल पूरी नहीं हो पा रही है. आरजेडी के मंत्री अपने बंगले को बैंक्विट हॉल बना चुके हैं. आरजेडी का एक मंत्री हीरा व्यापारी से पैसे वसूली कर रहा है लेकिन नीतीश कुमार की हिम्मत नहीं है कि वो आरजेडी के मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई कर सके. अगर नीतीश कुमार के लिए विकास-सुशासन अब कोई मायने नहीं रखता. अगर ये मायने रखता तो वो कांग्रेस और आरजेडी के साथ कभी समझौता नहीं करते. मोदी का यहां तक कहना है कि वो मुख्यमंत्री बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं लेकिन साथ ही मोदी का ये भी कहना है कि महागठबंधन में इतने विरोधाभास हैं कि उन्हें नहीं लगता की ये सरकार पांच साल चल पायेगी.
लालू यादव का राजनैतिक भविष्य
मोदी ने कहा चाराघोटाला मामले में अब अलग-अलग केस चलेंगे. उनका ट्रायल होगा. लालू को सजा होगी इसका मतलब है कि 20 साल तक वो चुनाव नही लड़ पायेंगे. यानि जिंदगी भर के लिए चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे. लालू यादव बैक बेंचर बनकर भले ही सरकार चला लें लेकिन आगे आकर सरकार नहीं चला सकते. जब लालू यादव की मुश्किलें बढ़ेंगीं तो उनकी पार्टी के टूट के खतरे भी बढ़ जाएंगे. लालू की मुश्किलें कई गुणा बढ़ गई है इसलिए उनकी पार्टी के भविष्य को लेकर भी प्रश्नचिन्ह हैं. उनके बेटों में इतना दमखम नहीं है. पार्टी इतनी बदनाम हो गई है. जो लालू बिहार में कभी 150 सीटें जीतते थे वो 80 पर सिमट गए कभी बिहार के मुख्यमंत्री थे उनकी पत्नी मुख्यमंत्री थी अब उनकी दयनीय हालत है. लालू यादव जैसे लोग सुधरने वाले नहीं हैं.
बेटों का भविष्य
सुशील मोदी ने कहा बेटों पर मैं ज्यादा नहीं कहूंगा लेकिन वो तो अपने माता-पिता के बताए रास्ते पर चले. 26 साल की उम्र में 400-500 करोड़ की सम्पति के मालिक बन गए. जिन कम्पनियों का मैंने खुलासा किया उसके शेयर होल्डर हैं. 26 साल की उम्र में पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर जो सम्पति जमा करेगा उसका भविष्य क्या होगा. मोदी का कहना है कि इनमें बच्चों को कोई दोष नही दूंगा. लालू यादव ने अपनी जिंदगी बर्बाद करने के साथ-साथ अपने बच्चों का भविष्य भी बर्बाद कर दिया.
बीजेपी की भूमिका
सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार से बीजेपी के संबंधों पर कहा कि आगे क्या स्थिति बनती है वो हमारा केन्द्रीय नेतृत्व तय करेगा. यह केन्द्रीय नेतृत्व को तय करना है कि बिहार में कोई नया गठबंधन बनेगा कि चुनाव होगा. आज बीजेपी बिहार में कई गुणा ज्यादा ताकतवर है. हम अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने में सक्षम है हमें किसी वैसाखी की जरूरत नहीं है.