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सरकार के खिलाफ 2 नए अविश्वास प्रस्ताव, इस बार बन सकती है बात

टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस बीते 2 हफ्ते से लगातार अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस लोकसभा में दे रही हैं लेकिन सदन ऑर्डर में न होने की वजह से एक भी बार प्रस्ताव को सदन में नहीं रखा जा सका है.

संसद परिसर में पीएम मोदी (फाइल फोटो) संसद परिसर में पीएम मोदी (फाइल फोटो)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST

संसद के बजट सत्र में एक बार फिर केंद्र में सत्ताधारी मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस पहले ही अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस दे चुकी हैं अब इस कड़ी में सीपीएम और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी का नाम भी जुड़ गया है.

सोमवार को आरएसपी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा महासचिव को भेज दिया है. लोकसभा में सीपीएम संसदीय दल के नेता पी करुणाकरन की ओर से लोकसभा महासचिव को आज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है.

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लोकसभा की कार्यवाही संचालन की प्रक्रिया संबंधी नियम 198 बी के तहत भेजे गये नोटिस में महासचिव से अविश्वास प्रस्ताव को सदन की 27 मार्च की संशोधित कार्यसूची में शामिल की मांग की है. पार्टी के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने बताया कि उनके दल ने 4 प्रमुख मुद्दों के हवाले से केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के प्रति अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

सलीम ने बताया कि यह मुद्दे देश और जनता की आर्थिक आजादी पर हो रहे हमले, महिलाओं और कमजोर वर्गों के खिलाफ दमनकारी गतिविधियों के कारण देश के सामाजिक तानेबाने को छिन्न भिन्न करने, लोकतांत्रिक संस्थाओं और मूल्यों को तहस-नहस करने और देश की विदेश नीति को कमजोर करने से संबंधित है.

सीपीएन नेता सलीम ने कहा कि पार्टी की ओर से इन मुद्दों के हवाले से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है. इससे पहले कांग्रेस, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे चुके हैं.

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इस बार बनेगी बात?

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव के लोकसभा में रखे जाने के दौरान सदन में हंगामा नहीं करेगी. तेलंगाना में आरक्षण सीमा को बढ़ाए जाने की मांग पर अड़ी टीआरएस की संसदीय दल की बैठक में यह फैसला लिया गया है. अब तक आए प्रस्तावों पर सदन में गिनती के दौरान टीआरएस और एआईएडीएमके के सांसद वेल में आकर हंगामा करने लगते थे.

नहीं रखे जा सके प्रस्ताव

टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस बीते 2 हफ्ते से लगातार अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस लोकसभा में दे रही हैं लेकिन सदन ऑर्डर में न होने की वजह से एक भी बार प्रस्ताव को सदन में नहीं रखा जा सका है. टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस का आरोप है कि टीआरएस मोदी सरकार को बचाने के लिए सदन में हंगामा कर रही है ताकि प्रस्ताव को रखा नहीं जा सके.

क्या है प्रक्रिया

सदन में अविश्वास प्रस्ताव को रखने के लिए पहले पार्टी के किसी सांसद को लोकसभा महासचिव को सदन की कार्यसूची में प्रस्ताव को शामिल करने का नोटिस देना पड़ता है. इसके बाद स्पीकर सदन में प्रस्ताव का समर्थन करने वाले 50 सांसदों की गिनती करता है. यह गिनती हंगामे के बीच या वेल में सांसदों के प्रदर्शन के दौरान नहीं की जा सकती. गिनती के बाद ही प्रस्ताव को सदन में चर्चा के लिए रखा जा सकता है.

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