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तीसरे बोडो समझौते के खिलाफ गैर बोडो संगठनों ने बुलाया 12 घंटे का बंद

नया समझौता केंद्र, असम सरकार और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के चार गुटों के बीच होगा. इस मौके पर NDFB के सारे स्टेकहोल्डर्स, ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU), पीपल्स ज्वाइंट कमेटी फॉर बोडोलैंड मूवमेंट के नेता भी मौजूद रहेंगे.

प्रदर्शनकारियों ने जलाए पुतले प्रदर्शनकारियों ने जलाए पुतले
मनोज्ञा लोइवाल
  • गुवाहाटी/कोलकाता ,
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST

  • कोकराझार समेत असम के चार जिलों में बंद का असर
  • प्रदर्शनकारियों ने PM मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के जलाए पुतले

ऑल कोच राजबोंशी स्टूडेंट्स यूनियन (AKRSU) समेत गैर बोडो संगठनों ने सोमवार को बोडोलैंड टेरेटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (BTAD) में 12 घंटे के बंद का ऐलान किया है. ये बंद तीसरे बोडो समझौते और यूनियन टेरेटोरियल काउंसिल (UTC) बनाए जाने के विरोध में बुलाया गया है. BTAD क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. 

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प्रदर्शनकारियों ने कुछ जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के पुतले भी जलाए. इसके अलावा बाक्सा, चिरांग, उदलगुड़ी और कोकराझार ज़िलों में राजमार्गों पर टायर जलाकर सड़क पर चक्का जाम भी किया गया है.

'असम को बांटने की इजाजत नहीं'

AKRSU के एक नेता ने कहा कि वो नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) से शांति समझौते का स्वागत करते हैं लेकिन वो शांति समझौते के नाम पर असम को बांटने की कतई इजाजत नहीं देंगे.

दूसरी ओर बाक्सा जिले के एक गैर बोडो ग्रामीण ने कहा,  'बोडोलैंड टेरेटोरियल काउंसिल (BTC) के क्षेत्र में जितने भी गैर बोडो लोग हैं वो यूनियन टेरेटोरियल काउंसिल (UTC) बनाए जाने के खिलाफ़ हैं. हम इसे मंज़ूर नहीं करेंगे और इसके खिलाफ हमारा आंदोलन निकट भविष्य में और मजबूत होगा.'

केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को ताजा बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी हिमंत बिस्वा सरमा, बोडोलैंड टेरेटोरियल काउंसिल के प्रमुख हग्रामा महिलारी समझौते के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं.

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बोडो समुदाय को नए राजनीतिक अधिकार?

नया समझौता केंद्र, असम सरकार और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के चार गुटों के बीच होगा. इस मौके पर NDFB के सारे स्टेकहोल्डर्स, ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU), पीपल्स ज्वाइंट कमेटी फॉर बोडोलैंड मूवमेंट के नेता भी मौजूद रहेंगे. NDFB के गुटों के नेता- बी सावरायगरा, रंजन दैमारी, गोबिंदा बासुमात्री और धीरेन बोडो भी समझौते के दौरान उपस्थित रहेंगे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक नए बोडो समझौते के तहत BTC का केंद्र माने जाने वाला कोकराझार जिला दो जिलों में बांटा जाएगा- कोकराझार और गोसाइगांव. इसी तरह बाक्सा को दो जिलों- बाक्सा और मानस में विभाजित किया जाएगा.  

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इसके अलावा भेरागांव को को उदलगुड़ी जिले से निकाला जाएगा. साथ ही सोनितपुर, बिस्वानाथ और लखीमपुर से दो नए ज़िले- होलोंगी और मैनोश्री बनाए जाएंगे. नई काउंसिल को केंद्र से सीधे नए फंड मिलेंगे. नए समझौते से असम में रहने वाले बोडो समुदाय को कुछ नए राजनीतिक अधिकार और आर्थिक पैकेज मिलेंगे. पहला बोडो समझौता आल बोडो स्टूडेंट्स के साथ 1993 में हुआ था और बोडोलैंड ऑटोनॉमस काउंसिल अस्तित्व में आई थी. इसे कुछ सीमित राजनीतिक अधिकार दिए गए थे.

2003 में बोडो लिबरेशन टाइगर्स को मुख्य धारा से जोड़ा गया और दूसरा बोडो समझौता अस्तित्व में आया. बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) का गठन हुआ और असम के चार जिलों- कोकराझार, उदलगुड़ी, बाक्सा और चिरांग को शामिल किया गया. इस क्षेत्र को बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट (BTAD)  के नाम से भी जाना जाता है.  

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(गुवाहाटी से हेमंत कुमार नाथ के इनपुट्स के साथ)

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