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किम को अमेरिका का जवाब, दक्षिण कोरिया के साथ करेगा युद्धाभ्यास

उत्तर कोरिया की चीनी दोस्ती अमेरिका को चुभ गई. उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग उन ने अमेरिका से पहले चीन पहुंचकर अमेरिका को बुरी तरह चिढ़ा दिया है. लिहाज़ा अब उत्तर कोरिया को चिढ़ाने के लिए अमेरिका 'ऑपरेशन फर्स्ट अप्रैल' की तैयारी में जुट गया है. खबर है कि एक अप्रैल से अमेरिका उत्तर कोरिया के पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास करने जा रहा है.

दक्षिण कोरिया और अमेरिका मिलकर करेंगे सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास दक्षिण कोरिया और अमेरिका मिलकर करेंगे सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

उत्तर कोरिया की चीनी दोस्ती अमेरिका को चुभ गई. उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग उन ने अमेरिका से पहले चीन पहुंचकर अमेरिका को बुरी तरह चिढ़ा दिया है. लिहाज़ा अब उत्तर कोरिया को चिढ़ाने के लिए अमेरिका 'ऑपरेशन फर्स्ट अप्रैल' की तैयारी में जुट गया है. खबर है कि एक अप्रैल से अमेरिका उत्तर कोरिया के पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास करने जा रहा है. इस सैन्य मिलिट्री ड्रिल में दोनों देशों के करीब तीन लाख सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. अब सवाल ये है कि ये महज मिलिट्री ड्रिल ही है या फिर जंग की तैयारी?

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क्या अमेरिका चिढ़ गया?

उत्तर कोरिया और चीन की दोस्ती तो दुनिया ने देख ली. इनकी नज़दीकियां भी सबके सामने आ गईं. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका से पहले चीन पहुंच कर दुनिया को चौंका भी दिया और ऐलानिया बता भी दिया कि चीन उसके लिए क्या मायने रखता है. ज़ाहिर है इस मुलाकात ने खास कर अमेरिका को चिढ़ा दिया है.

दक्षिण कोरिया के साथ युद्ध अभ्यास

पर अब बारी अमेरिका की है. अपने दोस्त देश दक्षिण कोरिया के साथ मिल कर एक अप्रैल से अमेरिका उत्तर कोरिया के पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया के साथ मिल कर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास करने जा रहा है. तय प्रोग्राम के मुताबिक अमेरिका और दक्षिण कोरिया की फौजें एक साथ अभ्यास करने वाली है. इस सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के करीब तीन लाख सैनिक हिस्सा लेंगे.

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3 लाख सैनिक मिलकर करेंगे अभ्यास

अब ज़ाहिर है दक्षिण कोरिया भी जानता है और अमेरिका भी समझता है कि ऐसे मौके पर जब वर्ल्ड वॉर का खतरा टलने के करीब है तब मार्शल किम जोंग उन इस ज्वाइंट मिलिट्री ड्रिल से अगर भड़क गया तो तमाम कोशिश पर पानी फिर जाएगा. लिहाज़ा एहतियातन दोनों देशों ने साफ किया कि इस ड्रिल को उत्तर कोरिया को भड़काने की कार्रवाई के तौर पर ना लें. क्योंकि ये अभ्यास पहले से तय था और इसे मार्च में शुरू होना था. लेकिन विंटर ओलंपिक की वजह से तारीख को आगे बढ़ाया गया है. खबर है कि एक अप्रैल से तीन लाख से ज्यादा तादाद में दोनों देशों के सैनिक मिलकर ड्रिल करेंगे.

किम की सेना भी जंग के लिए तैयार

जमीन पर मिसाइल, आसमान में वायुसेना और पानी में पन्नडुब्बी ये सभी तैयारियां गवाही दे रही हैं कि मुखालफत में कोई भी हो, उत्तर कोरिया अपनी पूरी शिद्दत से किसी भी जंग को लड़ने और जीतने के लिए तैयार है. आसमान में उसके लड़ाकू जहाज़ दिन रात अभ्यास में जुटे हैं. तो उसके पास भारी भरकम मिसाइलों की ताकत भी है. वहीं ज़मीन में रॉकेट लॉन्चर की मार है और टैंकों की टंकार है. तो तोपो के ताबड़तोड़ वार भी हैं और ठीक वैसे ही पानी के अंदर किम की पनडुब्बियां किसी भी हमले को नाकाम करने को तैयार हैं.

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नार्थ कोरिया की सेना कर रही है अभ्यास

कोरिया की खाड़ी में उत्तर कोरियाई सेना के तीनों अंग ऐसे अभ्यास में जुटे हुए है, जैसे जंग छिड़ ही चुकी है. उत्तर कोरिया के मार्शल किम जोंग उन को अमेरिका पर तनिक भी भरोसा नहीं है. लिहाज़ा भले दोनों के दरमियान बम की जगह बात के सिलसिले को शुरू करने की कोशिश हो रही हो. मगर किम जोंग उन अपनी तरफ से जंग की तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है.

बात दोस्ती की, तैयारी जंग की

उत्तर कोरिया खुद अपनी तैयारियों को नेशनल टेलीविज़न पर और यूट्यूब पर अपलोड कर दक्षिण कोरिया और अमेरिका को ये बताना चाहता है कि उन दोनों मुल्कों की ड्रिल उसकी इस ड्रिल के आगे कुछ भी नहीं. भरोसे की कमी दोनों धड़ों में इस कदर है कि न किम को अमेरिका पर यकीन है और न अमेरिका को किम के वादों पर इत्मिनान. लिहाज़ा दिखाने को तो दोनों दोस्ताना चाहते हैं, मगर पीठ पीछे जंग की तैयारी भी है.

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