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छवि सुधारने की कवायदः किम जोंग उन ने नहीं मनाया जन्मदिन

उत्तर कोरिया के लिए 8 जनवरी बहुत खास दिन है. इस दिन मार्शल किम जोंग उन का जन्मदिन होता है. जब से किम जोंग उन उत्तर कोरिया की गद्दी पर बैठा है, तब से वहां इस दिन को राष्ट्रीय त्योहार की तरह मनाया जाता है. पूरे देश में सरकारी छुट्टी होती है. सड़कों और सरकारी इमारतों को सजाया जाता है. मगर इस बार उत्तर कोरिया में न तो सरकारी छुट्टी है. न कोई सजावट और न ही कोई जश्न.

किम ने इस बार अपने जन्मदिन पर सार्वजनिक अवकाश भी घोषित नहीं किया किम ने इस बार अपने जन्मदिन पर सार्वजनिक अवकाश भी घोषित नहीं किया
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

उत्तर कोरिया के लिए 8 जनवरी बहुत खास दिन है. इस दिन मार्शल किम जोंग उन का जन्मदिन होता है. जब से किम जोंग उन उत्तर कोरिया की गद्दी पर बैठा है, तब से वहां इस दिन को राष्ट्रीय त्योहार की तरह मनाया जाता है. पूरे देश में सरकारी छुट्टी होती है. सड़कों और सरकारी इमारतों को सजाया जाता है. मगर इस बार उत्तर कोरिया में न तो सरकारी छुट्टी है. न कोई सजावट और न ही कोई जश्न. माना जा रहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए किम जोंग उऩ पर काम का इतना बोझ है कि उसने जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है. जबकि जानकारों का मानना ये है कि किम की ये कोशिश अपनी छवि को सुधारने के लिए है.

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जन्मदिन पर छुट्टी नहीं

इन दिनों उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन बहुत मसरूफ है. उस पर काम का कितना बोझ है, इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसके पास इस साल अपना जन्मदिन मनाने की भी फुर्सत नहीं है. 8 जनवरी को किम का बर्थ डे होता है. ऐसा माना जाता है कि इस बार वो 34 साल का हो गया है लेकिन उत्तर कोरिया में जो नया सरकारी कैलेंडर आया. उसमें 8 जनवरी को किसी छुट्टी का कोई जिक्र ही नहीं है. यानि किम जोंग उन के जन्मदिन पर देश में कोई छुट्टी नहीं है.

हर शासक के जन्मदिन पर जश्न

ऐसे कयास इसलिए लगने लगे हैं क्योंकि इससे पहले जो भी उत्तर कोरिया का शासक रहा, उसके जन्मदिन पर सार्वजनिक छुट्टी जरूर रहती थी. किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल जब शासक थे, तो उनका जन्म दिन हर साल 16 फरवरी को मनाया जाता था. इस दिन को डे ऑफ द शाइनिंग स्टार कहते हैं. इस दिन ना केवल छुट्टी रहती है बल्कि पूरे देश में जश्न होता था. इसी तरह किम जोंग इल के पिता किम सुंग का जन्मदिन भी 15 अप्रैल को डे ऑफ द सन के रूप में मनाया जाता था. सरकारी छुट्टी और पूरे देश में जश्न होता था.

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काम के बोझ का दबाव

ये रिवाज तभी से चल रहा था, जब ये दोनों नेता जीवित थे और शासन कर रहे थे लेकिन इस बार किम जोंग उन शायद इस रिवाज पर ब्रेक लगाने के मूड में हैं. सूत्रों के मुताबिक उत्तर कोरिया के नए कैलेंडर में किम जोंग उन के जन्मदिन का कोई जिक्र नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया के सामने जो तमाम चुनौतियां है, उसे देखते हुए जन्मदिन पर छुट्टी नहीं देने का फैसला किया गया है.

सच्चाई भी यही है कि उत्तर कोरिया के सामने अभी तमाम चुनौतियां हैं. इतनी चुनौतियों से निपटने के लिए किम जोंग उन को लगातार काम करना पड़ रहा है. काम का इतना बोझ कि जन्मदिन का जश्न नही मनाने का फैसला ही उसे बेहतर लगा.

छवि सुधारने की कोशिश

सूत्रों का ये भी मानना है कि सुरक्षा परिषद के कडे प्रतिबंधों, अमेरिका की लगातार धमिकयों और लगातार मिसाइल टेस्ट के चलते उत्तर कोरिया की माली हालत काफी खराब हो गई है. ऐसे में अगर तानाशाह अपने जन्मदिन पर जश्न मनाने का फैसला करता तो उसकी छवि और खराब हो जाती.

तानाशाह के खौफ़ से भले ही कोई जुबान नहीं खोलता हो लेकिन सूत्रों का कहना है कि उत्तर कोरिया में उसकी छवि तेजी से बिगड़ी है. आर्थिक प्रतिबंधों के चलते अर्थव्य़वस्था खोखली होती जा रही है. लाखों लोगों पर बेरोजगारी का संकट मंडरा रहा है.

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ऐसे में हालात को संभालने के लिए किम जोंग उन के पास लगातार काम करने के अलावा और कोई और रास्ता नहीं है. इसलिए 8 जनवरी को वो न तो जश्न मना रहा है और न ही इस दिन सरकारी छुट्टी की जा रही है. यानी किम के बर्थ डे पर पूरा देश जश्न नहीं मना रहा है बल्कि काम कर रहा है.

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