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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत वाराणसी का जयापुर गांव गोद लिया है. बताया जाता है कि इस गांव को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने 2006 में ही गोद ले लिया था.
बीजेपी और संघ की गोदी में फूला न समा रहा जयापुर गांव एक और मायने में काफी दिलचस्प है. पूरे गांव में एक भी मुस्लिम नहीं है. जयापुर में अधिकांश आबादी कुर्मियों की है. कुर्मी परंपरागत तौर पर अपना दल के वोटर माने जाते हैं. अपना दल उत्तर प्रदेश में बीजेपी का एकमात्र सहयोगी दल था. जयापुर, अपना दल की सांसद अनुप्रिया का क्षेत्र है. मोदी यहां उनके लिए चुनाव प्रचार करने आए भी थे.
हालांकि मोदी ने जयापुर में अपने कार्यक्रम में उन तमाम लोगों को फटकार लगाई थी जो उनके जयापुर गांव के गोद लेने पर आकलन लगा रहे थे. मोदी ने कहा था कि लोग अलग-अलग कारण बता रहे हैं कि मैंने जयापुर गांव को ही क्यों चुना. लेकिन वो सारे लोग गलत बातें ही कर रहे हैं.
मोदी ने कहा था कि उन्होंने चुनावों के दौरान जयापुर का नाम सुना था. जब इस गांव में एक हादसे में कुछ लोगों की मौत हो गई थी. यह उत्तर प्रदेश का पहला गांव था जिसका नाम मैंने सुना था. ये नाम मेरे जेहन में रह गया इसलिए जब किसी गांव के चयन की बात आई तो जो पहला नाम मैंने सोचा वो जयापुर ही था.
बीजेपी के एक नेता ने इस पूरे मामले पर कहा कि ऐसी तमाम बातें बेकार हैं. उन्होंने आगे कहा, 'मीडिया में इस तरह की बातें नहीं उठनी चाहिए. मोदी जी ने लोकसभा चुनावों के दौरान जयापुर का नाम सुना था. ये सिर्फ एक संयोग है कि इस गांव में एक भी मुस्लिम नहीं है. वैसे भी कोई भी सांसद सिर्फ एक ही गांव गोद नहीं लेगा. इस योजना के तहत किसी भी सांसद को एक गांव को 2016 तक विकसित करना है उसके बाद दो और गांवों को 2019 तक विकसित करना है. हर अच्छी चीज में कमी निकालने की आदत से लोगों को बाज आना चाहिए.'