
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी को लेकर आर्थिक प्रस्ताव पेश किया. इस आर्थिक प्रस्ताव में वित्तमंत्री जेटली का पूरा फोकस नोटबंदी के फायदे पर था.
अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी का मकसद काले धन और भ्रष्टाचार को रोकना था. काले धन को लेकर 2014 के आम चुनाव में हमने जो लोगों से वादा किया था, उसे पूरा किया है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का एक मकसद जाली नोटों और आतंकवादियों के लाइफ लाइन पर चोट पहुंचाना था और इस नोटबंदी से आतंकवादियों की कमर टूट गई है.
जेटली का साथ ही कहना था कि केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद हमने काले धन पर लगाम के लिए एसआईटी का गठन किया था और कुछ देशों के साथ कालेधन को लेकर करार भी किए गए हैं. वित्तमंत्री ने अपने आर्थिक प्रस्ताव में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 31 दिसंबर 2016 को किसानों, महिलाओं और छोटे व्यापारियों के लिए कई घोषणाएं की हैं, जिससे उन सभी को फायदा होगा. वित्तमंत्री ने यह भी बताया कि जो पैसा बैंकों में आया है, वह लोगों के विकास के काम में लगेगा.
इसके साथ ही जेटली ने बताया कि नोटबंदी के दौरान पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों के राजस्व संग्रहण की वृद्धि हुई. हालांकि यहां उन्होंने यह नहीं बताया कि नोटबंदी के लोगों को पेश आ रही नकदी की परेशानियां कब खत्म होंगी.
आर्थिक प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी और उसके बाद किए गए जनहित के कार्यों को लेकर की गई घोषणाओं के लिए बधाई दी गई. इस दौरान किसान मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि नोट बंदी के बाद किसानों की फिजूलखर्ची कम हुई है और उनको नोटबंदी का फायदा मिला है. आर्थिक प्रस्ताव में नोटबंदी का विरोध करने को लेकर विपक्ष की कड़ी आलोचना भी की गई.