
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इस्तेमाल की जा रही पिचों की लगातार हो रही आलोचनाओं के बीच टीम इंडिया के निदेशक और पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने कहा है कि इन पिचों में कोई खामी नहीं है और इसकी आलोचना करना बंद करें. उन्होंने दो टूक लहजे में पूछा कि क्या तीन दिन के भीतर टेस्ट मैच खत्म होने में कोई बुराई है. उन्होंने पूछा कि जब नॉटिंघम में टेस्ट दो दिनों में खत्म हो जाता है तो कोई पिच पर सवाल क्यों नहीं उठाता.
तकनीक में कमी के कारण आउट हुए
शास्त्री ने कहा, ‘इसमें कोई बुराई नहीं है. नागपुर में टेस्ट मैच में मुकाबला बराबरी का था. इस मैच की पर्थ टेस्ट से तुलना करें तो मैं इस मैच को देखना चाहूंगा. उन्होंने कहा कि पिचों की आलोचना करने वालों को
समझना चाहिए कि बल्लेबाज पिचों की वजह से नहीं बल्कि अपनी तकनीक की खामी के चलते आउट हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘इससे दिखता है कि क्रीज पर लंबे समय तक खड़े रहने की कला खत्म हो रही है. वनडे
क्रिकेट ज्यादा खेलने से ऐसा हुआ है. इस तरह की पिचों पर खेलने से ही पता चलेगा कि क्रीज पर समय बिताना जरूरी है.
संयम से खेलते तो शतक बनाते
शास्त्री ने कहा, ‘जब आप हाशिम अमला और फाफ डु प्लेसिस को बल्लेबाजी करते देख रहे थे तो लगा होगा कि पिच में कोई खराबी नहीं है. इसी तरह की पिचों पर पहले बल्लेबाज शतक बनाते आए हैं क्योंकि वे
इसके लिए तैयार रहते थे.’
भारत के पूर्व कप्तान ने कहा कि संयम के साथ खेलने वाले बल्लेबाज इन पिचों पर अभी भी शतक बना सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सब्र से खेलने पर 80-90 रन, यहां तक कि शतक बनाया जा सकता था. मुरली विजय जिस तरह से खेल रहा था, वह शतक बना सकता था.
उन्होंने कहा, ‘पिच में कोई दिक्कत नहीं है. दोनों टीमों के लिए पिच समान है. इस पिच पर 275 या 250 का स्कोर काफी था. इसकी शिकायत बंद करके अपने काम पर ध्यान देना चाहिए.’
पिच पर असमान उछाल नहीं था
शास्त्री ने कहा, ‘मिसाल के तौर पर बंगलुरु की पिच शानदार थी. मुझे दुख है कि हम 3-0 से बढ़त नहीं बना सके. अच्छी पिच पर दक्षिण अफ्रीका को आउट करके हमने बिना किसी नुकसान के 80 रन बना लिए
थे और अगले चार दिन दबाव बनाकर रख सकते थे. लोग उसके बारे में बात नहीं करेंगे. उन्होंने इस आलोचना को भी खारिज किया कि नागपुर में पिच में असमान उछाल था. उन्होंने कहा, ‘कहां असमान उछाल
था. ठीक ही था. दूसरे या तीसरे दिन के बाद गेंद धीमी आने लगी. आप मुझे बताई कि कौन सा बल्लेबाज नीचे की ओर जाती गेंद पर आउट हुआ, सिर्फ दूसरी पारी में मिश्रा या फाफ डु प्लेसिस को छोड़कर.’
‘विदेशी पिचों की हम शिकायत नहीं करते’
शास्त्री ने विराट कोहली और आर अश्विन के बयान से सहमति जताई कि विदेशी पिचों के बारे में भारत में कभी शिकायत नहीं की जाती. उन्होंने कहा कि जब भारतीय टीम विदेश जाती है तो कभी वहां की पिचों
की शिकायत नहीं करती. उन्होंने कहा, ‘जब हम विदेश जाते हैं तो हमारे पास विकल्प नहीं होते. आप क्यों शिकायत करेंगे. कोई शिकायत नहीं करता. सिर्फ वे ही शिकायत करते हैं जिन्होंने कभी क्रिकेट नहीं खेली
है.
उन्होंने कहा, उन्हें (ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर) ऑस्ट्रेलिया में बैठकर अपनी पिचों के बारे में बात करने दो. उन्हें बता दो कि भारतीय पिचों पर बात करके अपना समय बर्बाद ना करें. यहां आकर खेलें.