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ओबामा ने जिस होटल में ठहरने से मना किया उसी होटल में ठहरेंगे पीएम मोदी

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने न्यूयॉर्क के वॉल्डोर्फ एस्टोरिया होटल में ठहरने से भले ही इनकार कर दिया है लेकिन यूएन जनरल असेंबली की मीटिंग में शिरकत के लिए इसी महीने अमेरिका जा रहे पीएम नरेंद्र मोदी इसी होटल में ठहरेंगे.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने न्यूयॉर्क के वॉल्डोर्फ एस्टोरिया होटल में ठहरने से भले ही इनकार कर दिया है, लेकिन यूएन जनरल असेंबली की मीटिंग में शिरकत के लिए अमेरिका जा रहे पीएम नरेंद्र मोदी इसी होटल में ठहरेंगे.

अंकल सैम को है जासूसी का डर
गौरतलब है कि अब तक यूएन की मीटिंग में शामिल होने के लिए वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क जाने वाले सभी अमेरिकी राष्ट्रपति इसी होटल में ठहरते थे. लेकिन बताया जाता है कि इस होटल को पिछले साल चीन की एक कंपनी ने खरीद लिया था जिसके बाद ओबामा के सिक्योरिटी स्टाफ को इस होटल में जासूसी का डर सता रहा है.

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ओबामा ने अब न्यूयॉर्क पैलेस होटल में ठहरने का फैसला किया है. न्यूयॉर्क पैलेस होटल को इसी साल साउथ कोरिया की एक कंपनी ने खरीदा है और ओबामा का स्टाफ इस होटल को ज्यादा सेफ मानता है.

भारत, चीन और रूस के प्रमुख एक साथ
ओबामा ने भले ही इस होटल में रुकने से इनकार कर दिया हो लेकिन पीएम मोदी को यहां पर दो अन्य महाशक्तियों रूस और चीन के प्रमुखों का साथ मिलने वाला है. खबरों के मुताबिक रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इसी होटल में रुकने वाले हैं. सूत्रों बताते हैं कि पुतिन ने इस होटल में रुकने का फैसला इसीलिए लिया क्योंकि ओबामा ने यहां रुकने से इनकार कर दिया.

अमेरिकी सरकार को चीनी कंपनी से डर
गौरतलब है कि वॉल्डोर्फ एस्टोरिया होटल पहले हिल्टन ग्रुप के पास था. जिसे पिछले साल चीन के इंश्योरेंस ग्रुप अनबंग ने खरीद लिया. अमेरिका को डर है कि जिस तरह चीन ने स्टेट डिपार्टमेंट और व्हाईट हाउस से डाटा चुराने और साइबर हैकिंग की कोशिश की है, उसी तरह की हरकत चीन इस होटल में भी कर सकता है. इसी डर के कारण अमेरिकी सरकार ने ओबामा को इस होटल में नहीं ठहराने का फैसला लिया है.

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