
2012 में एक फिल्म आई थी- OMG. इसमें कांजी भाई नाम का आदमी भगवान के खिलाफ मुकदमा करता है. यह फिल्म व्यंग्य थी, लेकिन अब वाकई भगवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. उस भगवान राम के खिलाफ जिस पर सबसे ज्यादा सियासत होती रही है. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन भी मुकर्रर कर दिया है.
किसने दर्ज कराया मुकदमा?
केस बिहार के सीतामढ़ी में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्याम बिहारी की अदालत में दर्ज हुआ है. मुकदमा करने वाला शख्स है- स्थानीय वकील ठाकुर चंदन सिंह. केस है महिला उत्पीड़न का. चंदन सिंह का पॉइंट है कि एक धोबी की बात सुनकर भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को घर से निकाल दिया. ऐसा कर उन्होंने सीता पर अत्याचार किया है. बात सीता को वनवास की है.
वकील ने कहा- मिथिला के बेटी से नाइंसाफी हुई
केस दर्ज कराने वाले चंदन ने कहा कि वह भी मिथिला में पैदा हुए और सीता भी मिथिला में ही पैदा हुई थीं. लेकिन अयोध्या नरेश ने मिथिला की बेटी के साथ इंसाफ नहीं किया. सीता मैया को न्याय दिलाने के लिए यह केस दर्ज कराया है. मेरा मकसद सिर्फ सीता को न्याय दिलाना है. किसी धर्म या किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं.
सीता को न्याय नहीं मिला तो आज की नारी को भी नहीं मिलेगा न्याय
चंदन सिंह का कहना है कि स्त्री उत्पीड़न त्रेता युग में ही शुरू हो गया था. इसलिए जब तक त्रेता युग की नारी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक कलियुग की नारी को भी न्याय नहीं मिल सकता. उन्होंने राम के विवेक पर भी सवाल उठाया है. कहा है, इस पर बहस होनी चाहिए कि क्या राम का विवेक सही था.