
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के साथ ही स्थानीय शेयर बाजारों में निवेशकों का धन 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ चुका है. शेयरों में तेजी से जहां टाटा, अडाणी, भारती, एचडीएफसी और सन ग्रुप जैसे उद्योग घरानों को भारी लाभ हुआ ,वहीं दोनों अंबानी बंधुओं के समूहों, वेदांता, आईटीसी और एलएंडटी समूह की बाजार हैसियत में गिरावट आई.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने 26 मई 2014 को सत्ता संभाली थी. इस दौरान अपने बाजार पूंजीकरण में बढ़त हासिल करने वाले अन्य प्रमुख समूहों में बिड़ला, महिंद्रा, आईसीआईसीआई, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल शामिल हैं. जबकि हाल के महीनों में शेयर बाजारों में तेज गिरावट के बावजूद बाजार मोदी सरकार के पहले एक साल की अवधि में करीब 12 फीसदी का लाभ हासिल करने में सफल रहे. इस अवधि में सेंसेक्स 2,950 अंक मजबूत हुआ, जिससे सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1,02,52,461 करोड़ रुपये रहा.
क्या कहते हैं आंकड़ें
साल की शुरुआत में सेंसेक्स 30,000 के स्तर को छू गया था, लेकिन इसके बाद बाजार में आई तेज गिरावट से यह 27,643 अंक पर आ गया. मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह का शेयर बाजार के हिसाब मूल्य करीब 80,000 करोड़ रुपये घटकर 2,90,000 करोड़ रुपये रह गया, जिसकी मुख्य वजह आरआईएल के शेयर में करीब 20 फीसदी की गिरावट आना है.
इसी तरह, अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह के बाजार मूल्य में भी करीब 50,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई. इसी तरह अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह का बाजार मूल्य 20,000 करोड़ रुपये से अधिक घट गया, वहीं टाटा समूह की कंपनियों का बाजार मूल्य 1.10 लाख करोड़ रुपये बढ़ा, जिसमें अकेले टीसीएस को करीब 85,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ.
इसी तरह एचडीएफसी और सन ग्रुप के बाजार मूल्य में एक-एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बढ़त दर्ज की गई. सुनील मित्तल की अगुवाई वाले भारती समूह ने बाजार मूल्य में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की बढ़त हासिल की. गुजराती उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी समूह ने बाजार मूल्य में करीब 50,000 करोड़ रुपये की बढ़त दर्ज की. अन्य समूहों में आदित्य बिड़ला समूह ने बाजार पूंजीकरण में 40,000 करोड़ रुपये की बढ़त दर्ज की.
-इनपुट भाषा से