
28 सितंबर 2015 को हुए दादरी कांड के आज एक साल पूरे हो गए हैं. लेकिन आज भी इस बात संशय कायम है कि मोहम्मद अखलाक के घर में मिला मांस का टुकड़ा बीफ था या मटन. इस मामले में यूपी पुलिस की शुरूआती जांच रिपोर्ट में इस मटन बताया गया था. लेकिन इसी बीच मथुरा के फोरेंसिक लैब से आई रिपोर्ट में कहा गया कि अखलाक के घर मिला मांस गोमांश ही था. अब यूपी पुलिस ने फिर कहा है कि उन्हें अभी तक अखलाक के परिवार द्वारा गोकशी करने का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं मिला है.
पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट जल्द दाखिल किए जाने के दावों को खारिज कर दिया. दादरी के क्षेत्राधिकारी अनुराग सिंह ने कहा, 'मैं तबादले में था. आज मैंने आगरा में ज्वॉइन किया है. मैंने मीडिया को बताया था कि अभी तक अखलाक के भाई द्वारा गोकशी का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं है, इसलिए हम अभी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकते. क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के संबंध में मैंने केवल इतना कहा था कि यदि हमें कोई सबूत नहीं मिलता तो यह अंतिम कदम उठाना होगा. अंतिम क्षण तक जांच जारी रहेगी.'
उन्होंने बताया कि यदि सबूत मिलेगा तो हम आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे. इस मामले में जांच चल रही है. हमने क्लोजर रिपोर्ट की कोई योजना नहीं बनाई है. अब एक नये अधिकारी मामले में फैसला करेंगे. दरअसल, पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट जमा करने की योजना की खबरों से बिसाहड़ा गांव में तनाव पसर गया था. यहां अखलाक को इसलिए भीड़ ने मार दिया था, क्योंकि उसके परिवार द्वारा गोमांस खाने की अफवाह उड़ गई थी. बीजेपी नेता संजय राणा ने आरोप लगाया था कि पुलिस मामले को बंद करने की जल्दबाजी में है.
दादरी घटना के एक वर्ष पूरा होने के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दावा किया कि बीजेपी नीत राजग सरकार के शासनकाल में साम्प्रदायिक घटनाओं में काफी कमी आई है. इसके साथ ही मुसलमानों के तुष्टीकरण की बजाए उनके सशक्तिकरण के प्रधानमंत्री के संदेश पर जोर दिया. पिछले ढाई साल से अधिक समय में साम्प्रदायिक तनाव के मामलों में काफी कमी आई है. दादरी कांड के एक वर्ष पूरे होने पर उन्होंने कहा कि हम ऐसी घटनाओं की संख्या नगण्य करना चाहते हैं. हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी.
गोमांस खाने का आरोप लगाकर हुई हत्या
बताते चलें कि दादरी क्षेत्र के बिहसहड़ा गांव में पिछले साल बकरीद के दिन कुछ लोगों ने गोमांस खाने का आरोप लगाते हुए अखलाक को उसके घर से खींचकर पहले पिटाई की और फिर उसी की सिलाई मशीन उठाकर उसके सिर पर दे मारा. उससे उसकी मौत हो गई. आक्रोशित लोगों ने अखलाक के बेटे दानिश को भी पीटकर अधमरा कर दिया था. फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने पर हत्या के आरोपियों की तरफ से दायर याचिका पर जिला अदालत ने मृत अखलाक और उसके पूरे परिवार के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया था.
तारीख-दर-तारीख जानिए पूरा घटनाक्रम
28 सितंबर, 2015: यूपी के दादरी के बिसहड़ा गांव में मो. अखलाक को घर में बीफ रखने के आरोप में कुछ लोगों ने उसकी हत्या कर दी.
6 अक्टूबर, 2015: केंद्र सरकार को भेजे गए रिपोर्ट में यूपी सरकार ने अखलाक के घर मिले मीट के सैम्पल बकरे का मांस बताया था.
24 दिसंबर, 2015: यूपी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया. इसमें 15 लोगों को नामजद करते हुए बीफ को अफवाह बताया.
31 मई, 20016: मथुरा की फोरेंसिक लैब रिपोर्ट ने पुष्टि की कि अखलाक के फ्रिज से लिया गया मीट का सैंपल गौमांश ही था.
9 जून, 2016: मथुरा लैब की रिपोर्ट के आधार पर बिसाहड़ा के लोगों ने कोर्ट में अखलाक के परिवार के केस दर्ज करने की मांग की थी.
14 जुलाई, 2016: स्थानीय अदालत ने अखलाक के परिजनों के खिलाफ गोहत्या का केस दर्ज करने का आदेश दिया था.
16 सितंबर, 2016: अखलाक के परिजनों के खिलाफ गोहत्या मामले में आईपीसी की धारा 3/8 और 3/11 के तहत केस दर्ज.
23 सितंबर, 2016: इस मामले में कोर्ट में सुनवाई जज के छुट्टी पर होने के कारण टाल दी गई.
27 सितंबर, 2016: यूपी पुलिस ने फिर कहा है कि अभी तक अखलाक के परिवार द्वारा गोकशी करने का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं मिला.
28 अक्टूबर, 2016: इस मामले की सुनवाई की तारीख तय की गई है.
इनपुट- भाषा