
जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों की ओर से चलाए जा रहे 'ऑपरेशन ऑल आउट' में इस साल 203 आतंकवादियों को ढेर किया जा चुका है. बीते 3 साल में आतंकवादियों के मारे जाने का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है. गृह मंत्रालय की ओर से लोकसभा में लिखित जवाब में ये जानकारी दी गई.
गृह मंत्रालय की दी जानकारी के मुताबिक इस साल जम्मू और कश्मीर में 10 दिसंबर तक ही 203 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया. वहीं पिछले साल 2016 में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ों में 148 आतंकवादी ढेर हुए थे. 2015 में 108 आतंकवादी मारे गए थे.
सुरक्षा बलों ने सरहद और लाइन ऑफ कंट्रोल पर घुसपैठियों की नापाक हरकतों को नाकाम करने के लिए सख्त रुख अपना रखा है. वहीं घाटी के अंदरूनी इलाकों में भी आतंकवादियों की हर गतिविधि पर सुरक्षा बलों की पैनी नजर है. सुराग मिलते ही आतंकवादियों को घेरने में देर नहीं लगाई जाती. यही वजह है कि इस साल बड़ी संख्या में आतंकवादी ढेर किए जा चुके हैं.
जम्मू और कश्मीर में 2017 में जहां मारे जाने वाले आतंकवादियों का आकंड़ा बढ़ा है वहीं इस साल आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में भी पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है. 2017 में 10 दिसंबर तक आतंकी हिंसा की 335 घटनाएं हुईं. वहीं 2016 में 10 दिसंबर तक आतंकी हिंसा की 308 घटनाएं ही हुई थीं.
गृह मंत्रालय की दी जानकारी के मुताबिक 2017 में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में 75 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए. इसी साल 37 नागरिकों को भी जान से हाथ धोना पड़ा. गृह मंत्रालय ने लिखित जानकारी में बताया कि केंद्र सरकार की ओर से जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा के हालात की निरंतर समीक्षा की जाती है. साथ ही समय-समय पर जरूरी निर्देश दिए जाते हैं. ह्यूमन इंटेलिजेंस और ऑपरेशनल ग्रिड को मजबूती देने के लिए कदम उठाए गए हैं.
ये सब करने के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से जम्मू और कश्मीर के युवाओं को मुख्यधारा में शामिल करने वाली नीतियों पर भी पूरा फोकस किया जा रहा है. इसी के तहत 2015 में घोषित किए गए प्रधानमंत्री विकास पैकेज से जुड़ी रकम के राज्य में सदुपयोग पर विशेष जोर दिया जा रहा है.
LoC पर 771 बार पाक का सीजफायर उल्लंघन
ऑपरेशन ऑल आउट में जहां सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराने की डबल सेंचुरी पार कर दी है वहीं सीमा पार से आतंकियों को भेजने के लिए भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा को दिए लिखित जवाब में कहा है कि इस साल LOC पर 10 दिसंबर तक 771 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है. वहीं इंटरनेशनल बॉर्डर पर इस साल नवंबर तक 110 बार सीजफायर का उल्लंघन पाकिस्तान ने किया है. इसी समय में पिछले साल पाकिस्तान ने 2016 और 2015 में क्रमशः 228 और 152 बार सीजफायर का उल्लंघन किया.
सीमाओं पर युद्ध विराम के उल्लंघन को रोकने के लिए समय समय पर कदम उठाए जाते रहे हैं. इसके लिए अग्रणी चौकियों को बड़े स्तर पर सुदृढ किया गया है. साथ ही दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशक के बीच बातचीत चलती रहती है, पर आज तक को मिली खुफिया रिपोर्ट की जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और पाक आर्मी सीमा पार से घुसपैठ कराने के लिए LOC पर इस तरीके से गोलीबारी करती हैं. यही नहीं पाक अधिकृत कश्मीर में लॉन्चिंग पैड मौजूद हैं जिनको पाकिस्तान ने बड़ी तादात में सक्रिय किया हुआ है. सूत्र बताते हैं कि हाफिज सईद की रिहाई के बाद पाक आर्मी उसको सीमा पर मौजूद लॉन्चिंग पैड पर ला सकती है. जिससे आतंकियों को ब्रेनवॉश कर उनको सीमापार भारत में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए भेजा जा सके.