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साल 2014 में आठ हजार छात्रों ने की आत्महत्या

पिछले साल देश में आठ हजार से भी ज्यादा स्टूडेंट्स ने आत्महत्या की थी. आत्महत्या करने वाले वाले सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र के छात्रों की थी.

स्नेहा
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

सरकार ने एक लिखित जवाब में संसद में बताया कि पिछले साल देश भर में आठ हजार से ज्यादा छात्रों ने आत्महत्या कर ली और सबसे अधिक 1191 छात्रों ने महाराष्ट्र में आत्महत्या की.

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मनसुख एल मंडाविया और सी पी नारायणन के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2014 में देश भर में 8068 छात्रों ने आत्महत्या कर ली जबकि 2013 में यह संख्या 8423 रही. 2012 में 6654 छात्रों ने आत्महत्या की थी.

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उन्होंने बताया कि 2014 में दिल्ली में 241 छात्रों ने आत्महत्या की जबकि तमिलनाडु में यह संख्या 853, पश्चिम बंगाल में 709 और मध्य प्रदेश में 645 रही.

मंत्री ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों में परीक्षा संबंधी तनाव से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने अब्दुल वहाब के एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्था आयोग द्वारा अल्पसंख्यक दर्जा प्रदत्त शिक्षण संस्थों की संख्या 2005 में 21 थी जो दस साल में बढ़कर 11,384 हो गयी है.

स्मृति ईरानी ने कहा कि इसके अतिरिक्त राज्य सरकारें भी शैक्षिक संस्थाओं को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देती हैं. उन्होंने कहकशां परवीन के एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2015-16 से केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना सर्वशिक्षा अभियान के 'शेयरिंग पैटर्न' को संशोधित कर 60 अनुपात 40 कर दिया है. पहले यह अनुपात 65 अनुपात 35 था. मंत्री ने कहा कि यह संशोधन नीति आयोग द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की रिपोर्ट पर आधारित है.

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इनपुट: भाषा

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