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पद्मावती पर 5 प्रहार, कहीं खुली धमकी तो कहीं बवाल, बैकफुट पर मेकर्स

अब संजय लीला भंसाली और उनकी फिल्म और ज्यादा मुश्किल में है. क्योंकि अब इसका राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है. राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश और यूपी से लेकर पंजाब तक राज्य सरकारों ने खुलेआम पद्मावती पर आपत्ति जताई है.

फिल्म में आवश्यक बदलाव की मांग फिल्म में आवश्यक बदलाव की मांग
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST

फिल्म पद्मावती के रिलीज होने से पहले ही उस पर प्रतिबंध का संकट आ गया है. करणी सेना ने इतिहास से छेड़छाड़ के नाम पर फिल्म का विरोध शुरू किया तो लड़ाई सड़कों तक पहुंच गई. राजपूतों की अस्मिता से खिलवाड़ के दावे किए जाने लगे. देश के अलग-अलग हिस्सों में धरना-प्रदर्शन और तोड़फोड़ हुई तो फिल्म मेकर्स भी बैकफुट पर आ गए. जिसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें रिलीज टालनी पड़ी. लेकिन इतने भर से हंगामा शांत नहीं हो रहा है.

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अब संजय लीला भंसाली और उनकी फिल्म और ज्यादा मुश्किल में है. क्योंकि अब इसका राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है. राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश और यूपी से लेकर पंजाब तक राज्य सरकारों ने खुलेआम पद्मावती पर आपत्ति जताई है.

1. मध्यप्रदेश में रिलीज न होने देने की चेतावनी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर सेंसर बोर्ड फिल्म को पास भी कर देता है, तब भी राज्य में यह रिलीज नहीं होगी. यहां तक कि उन्होंने पद्मावती को राष्ट्रमाता तक का दर्जा दे डाला.

चौहान ने कहा है, 'ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर राष्ट्रमाता पद्मावती जी के सम्मान के खिलाफ जो दृश्य दिखाए जाने की बात कही गई है, ऐसे में मध्य प्रदेश की धरती पर फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा.'

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2. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम का ऐतराज

शिवराज सिंह के अलावा बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी फिल्म का विरोध किया है. रविवार को उन्होंने कहा कि जब तक फिल्म से विवादित दृश्य नहीं हटाए जाते, तब तक इसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.

3. वसुंधरा राजे ने लिखा खत

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बयानों से आगे बढ़कर फिल्म के संबंध में सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को खत ही लिख डाला. राजे ने अपने खत के माध्यम से 'पद्मावती' में आवश्यक परिवर्तन किए बिना फिल्म की रिलीज होने पर पाबंदी की मांग की. 

4. पंजाब के सीएम भी राजपूतों के साथ

तीन राज्यों में बीजेपी की सरकारों द्वारा फिल्म के खुलेआम विरोध के अलावा पंजाब की कांग्रेस सरकार भी इसके खिलाफ खड़ी नजर आ रही है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फिल्म को लेकर राजपूतों की आपत्तियों का समर्थन किया है.

5. महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक की धमकी

महाराष्ट्र में सरकार ने तो फिल्म का विरोध नहीं किया है, लेकिन सत्ताधारी दल बीजेपी के विधायक संजय लीला भंसाली को चेतावनी दे चुके हैं. विक्रोली से बीजेपी विधायक राम कदम ने हाल ही में कहा कि जो लोग फिल्म की पब्लिसिटी के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करते हैं, हम ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करेंगे.

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उन्होंने फिल्म पर बैन की मांग करते हुए ये धमकी भी दी है, 'अगर भंसाली नहीं माने, तो हमारी यूनियन उनको कोई भी फिल्म शूट नहीं करने देगी.'

बता दें कि राम कदम फिल्म स्टूडियो सेटिंग और संबद्ध मजदूर यूनियन के प्रमुख भी हैं.

हालांकि, इनके अलावा हरियाणा और कर्नाटक में बीजेपी नेता फिल्म का विरोध कर चुके हैं. हरियाणा बीजेपी के मीडिया कॉर्डिनेटर ने तो भंसाली और दीपिका का सिर कलम करने पर 10 करोड़ का इनाम घोषित कर दिया है.

वहीं दूसरी तरफ अब ये मामला संसद की पिटीशन कमेटी के पास भी पहुंच गया है. ऐसे में उत्तर भारत की राज्य सरकारों द्वारा फिल्म का विरोध और राजपूत समुदाय का सड़कों पर गुस्सा पद्मावती की रिलीज के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.

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