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संसद पहुंचा पद्मावती पर टकराव, पिटीशन कमेटी कर सकती है भंसाली से लेकर विरोधी तक को तलब

पिटीशन की मंजूरी के बाद संसद की कमेटी फिल्म से संबंधित सभी पार्टियों को बुला सकती है.

सांसद सीपी जोशी ने दायर की याचिका सांसद सीपी जोशी ने दायर की याचिका
जावेद अख़्तर/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' का विवाद सड़क से संसद तक पहुंच गया है. बीजेपी सांसद सीपी जोशी ने फिल्म को लेकर संसद की पिटीशन कमेटी में एक याचिका दायर की है, जिसे मंजूर कर लिया गया है.

राजस्थान के बीजेपी के सांसद सीपी जोशी ने ये पिटीशन दायर की है. पिटीशन की मंजूरी के बाद संसद की कमेटी फिल्म से संबंधित सभी पार्टियों को बुला सकती है. माना जा रहा है कि संसद की पिटीशन कमेटी जल्द ही इतिहासकार, मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य, फिल्म के कलाकार और निर्देशक बुला सकती है. पिटीशन कमेटी के सामने सभी को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होना पड़ सकता है.

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पहले ही मुश्किलों में घिरी फिल्म पद्मावती की राह में अब और कांटे आ सकते हैं. विरोध के बाद फिलहाल फिल्म मेकर्स ने रिलीज टाल दी है. दूसरी तरफ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने भी अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. लेकिन ये मामला संसद में पहुंच जाने के बाद फिल्म के राजनीतिक विरोध को और बल दे सकता है, जो फिल्म के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.

बता दें कि फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए करणी सेना ने सबसे पहले इसका विरोध शुरू किया था. जिसके बाद कई और संगठन भी इसकी मुखालफत में उतर आए. अब राजनेता भी खुले तौर पर फिल्म के खिलाफ आ खड़े हुए हैं. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सार्वजनिक तौर पर फिल्म पर आपत्ति जताते हुए उसकी रिलीज पर बैन की बात कह चुके हैं.

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