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संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती रिलीज पर असमंजस की स्थिति है. इंडिया टुडे को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब ये फिल्म मेकर्स की ओर से प्रस्तावित तारीख 1 दिसंबर के दिन रिलीज नहीं होगी. सबकुछ ठीक रहा तो फिल्म अगले साल यानी 12 जनवरी को रिलीज होगी.हालांकि मेकर्स ने रिलीज डेट बढ़ाने की बातों से इनकार किया है. वैसे अभी फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेशन नहीं मिला है. फिल्म को सर्टिफिकेशन के लिए 17 नवंबर को सेंसर के पास भेजा गया. सूत्रों का यह भी कहना है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म लौटा दी है. फिल्म का रिव्यू नहीं किया गया है.
पद्मावती को रिलीज से रोकने को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. करणी सेना समेत राजपूत समाज के कई संगठन, प्रिंसेज इसके खिलाफ खड़े हो गए हैं. गुजरात, यूपी में चुनाव को देखते हुए सियासी पार्टियां भी इस विवाद में कूद पड़ी हैं.
वैसे अगर फिल्म जनवरी में रिलीज हुई तो संजय लीला भंसाली को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. हम बता रहे हैं वो पांच वजह...
बवाल का असर: पूरे डेढ़ महीने लेट हुई पद्मावती, अब 12 जनवरी को होगी रिलीज?
1. गुजरात चुनाव के बाद ठंडा होगा मामला
अभी गुजरात में चुनाव चल रहा है. इसके कारण राजस्थान, मध्य प्रदेश से सटे इलाकों में भी यह विवाद तेजी से फैल रहा है. गुजरात विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 18 दिसंबर को आ जाएगा, इसके बाद हो सकता है कि काफी हद तक इस मामले में राजनीतिक पार्टियों की दिलचस्पी कम हो जाए. अभी बीजेपी, कांग्रेस दोनों पार्टियां इस मुद्दे पर अपने बड़े वोट बैंक यानी राजपूतों को नाराज नहीं करना चाहती.
2. जोधा-अकबर के निर्देशक से सीख ले सकते हैं भंसाली
जोधा-अकबर के रिलीज के वक्त भी राजस्थान में विवाद हुआ था. राजपूत समुदाय के लोगों ने फिल्म पर आपत्ति जताई थी. तथ्यों और ऐतिहासिक घटनाओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. 2008 में फिल्म के दौरान राजस्थान और गुजरात में फिल्म के रिलीज पर रोक तक लगाने की नौबत आ गई थी. उस वक्त भी राजपूत सभा ने विरोध किया था. जोधा-अकबर के रिश्तों पर सवाल खड़ा किया गया था. उस दौरान भी राजपूत करणी सेना ने भी निर्देशक आशुतोष गोवारीकर को निशाना बनाया था. आखिरकार फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं हो पाई थी. ऐसे में भंसाली भी मामला शांत होने का इंतजार कर फिल्म रिलीज कर सकते हैं.
केवल विरोध ही नहीं, ये भी कारण हैं जिनसे टली पद्मावती की रिलीज?
3. क्रिसमस के बाद खाली रहेगा बॉक्स ऑफिस
क्रिसमस और न्यू ईयर पर बॉलीवुड में कई फिल्में रिलीज होने वाली हैं. ऐसे में अगर भंसाली जनवरी 2018 का इंतजार कर सकते हैं तो फायदे में रह सकते हैं. जनवरी में कोई बड़ी फिल्म पहले से रिलीज के लिए शेड्यूल नहीं है. क्योंकि 15 दिसंबर को फुकरे रिटर्न्स आ रही है. इसके बाद 22 दिसंबर को सलमान खान और कैटरीना कैफ की टाइगर जिंदा है रिलीज होनी है. ऐसे में इस दौरान तो भंसाली को फिल्म रिलीज करने का मौका नहीं मिलेगा. वो सलमान के साथ नहीं टकराना चाहेंगे. वहीं, जनवरी 25 को अक्षय कुमार की पैडमैन रिलीज होने को है. उससे पहले किसी भी बड़े स्टार की फिल्म लाइन में नहीं है. बीच की तारीखों का भंसाली फायदा उठा सकते हैं.
4. बीमा करा चुके हैं भंसाली
संजय लीला भंसाली पहले ही इस फिल्म का बीमा करा चुके हैं. फिल्म से होने वाले नुकसान से भयभीत हैं. बॉम्बे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म का बीमा कराया गया है. एक यूनिट मेंबर के अनुसार, ये कुल 160 करोड़ रुपए का है. इस बीमा पॉलिसी के तहत यदि पद्मावती की रिलीज के बाद टिकट बिक्री के दौरान विरोध होता है, या कोई विवाद, हड़ताल और तोड़फोड़ होती है तो नुकसान की भरपाई की जाएगी.
5. माहौल ठंडा होने का इंतजार
फिल्म को लेकर फिलहाल माहौल गर्म है. राजस्थान में शूटिंग के दौरान भंसाली पर हमले तक हुए थे. उसके बाद महाराष्ट्र में सेट पर उपद्रव मचाया गया था. इसके बाद से ही मामला गरमाया हुआ है. रिलीज नजदीक आते ही फिर से विवाद हो रहा है. हो सकता है कि मामला कोर्ट में जाने के बाद कोई फैसला आ जाए. फिल्म रिलीज को लेकर किसी फैसले का इंतजार करना मामले को शांत कर सकता है.
क्यों हो रहा है फिल्म पद्मावती का विरोध?
करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह ने कहा था पद्मावती के रूप में दीपिका पादुकोण को नाच-गान करते हुए दिखाने से राजपूत समाज आक्रोशित है. पद्मिनी को अलाउद्दीन की प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन चित्तौड़गढ के इतिहास को लेकर लिखी गई किताबों और कि वदंतियों में इसका कहीं उल्लेख नहीं है. राजपूत समाज का कहना है कि फिल्म की पहले उनके समक्ष स्क्रीनिंग की जाए, इसके बाद ही इसे रिलीज की अनुमति दी जानी चाहिए.