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संसदीय कमेटी में भंसाली की पेशी पर बोले आडवाणी- हम क्यों, पद्मावती पर सेंसर बोर्ड करे फैसला

फिल्म पद्मावती विवाद पर संसदीय कमेटी के सामने डायरेक्टर भंसाली की करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक पेशी हुई. इस दौरान उनसे कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संसद की सूचना और तकनीकी कमेटी के सामने पेश हुए. डायरेक्टर भंसाली की करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक पेशी हुई. इस दौरान उनसे कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

पद्मावती विवाद पर पहली बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बयान दिया है. संसदीय कमेटी में फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की पेशी के बीच आडवाणी ने कहा- फिल्म को लेकर अंतिम फैसला सेंसर बोर्ड को करने देना चाहिए.

आडवाणी ने क्या कहा?

आडवाणी ने कहा- हम (संसदीय कमेटी के सदस्य) क्यों केवल सेंसर बोर्ड को फैसला करने दो कि भारत में फिल्म की स्क्रीनिंग हो सकती है या नहीं. सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) को अपना काम करने दिया जाए.

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पद्मावती को लेकर भंसाली की पेशी

बता दें कि गुरुवार को फिल्म पद्मावती विवाद पर भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संसद की सूचना और तकनीकी कमेटी के सामने पेश हुए. डायरेक्टर भंसाली की करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक पेशी हुई. इस दौरान उनसे कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है.

फिल्म पर सदस्यों की अलग- अलग राय

मीटिंग में 14 सदस्यीय कमेटी के 8 सदस्य शामिल हुए. बीजेपी से दो सदस्यों और शिवसेना के एक सदस्य ने फिल्म पर बैन की मांग की. बाकी के सदस्यों ने कहा पहले सेंसर बोर्ड क्लियरेंस दे उसके बाद इस पर कोई फैसला लिया जाना चाहिए.

प्रसून जोशी नहीं देखी अभी तक फिल्म

संसदीय कमेटी के सामने प्रसून जोशी ने कहा, 'उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है. फिल्म की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया जारी है. फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी. सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. मीटिंग में प्रसून जोशी से पूछा गया कि क्या फिल्म के प्रोमो को अप्रूव कराया गया था. जिस पर उन्होंने कहा, हां प्रोमो अप्रूव थे.'

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गौरतलब है कि डायरेक्टर भंसाली की करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक पेशी हुई. इस दौरान उनसे कई सवाल किए गए. उन्होंने  कई सवालों के जवाब दिए लेकिन कई सवालों पर उन्होंने चुप्पी साधी.

जानिए कमेटी ने भंसाली से क्‍या सवाल पूछे...

1- सेंसर बोर्ड को फिल्म भेजने से पहले आपने मीडिया में कुछ लोगों को फिल्म क्यों दिखाई? इसका क्या मतलब है.

2- आपने 11 नवंबर को फिल्म सेंसर बोर्ड के पास भेजी और खुद से ही ऐलान कर दिया की फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होगी जबकि आपको मालूम है कि सेंसर बोर्ड के पास फिल्म को सर्टिफिकेट देने के लिए 68 दिन का समय होता है. अपने खुद से तारीख कैसे तय कर ली?

3- जब पिछले डेढ़ साल से विवाद चल रहा है तब आपने इसे ठीक करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाया?

4- जब फिल्मों में सारे नाम और सारे कैरेक्टर इतिहास से लिए हुए हैं तब यह कैसे कहा जा सकता है कि फिल्म का इतिहास से कोई लेना देना नहीं है.

5- क्या यह बात सही है कि आपने पहले करणी सेना को यह वादा किया था कि फिल्म उन्हें दिखाएंगे?

6- क्या फिल्म में जौहर का दृश्य दिखाया गया है? क्या सती प्रथा को फिल्मों में दिखाया जा सकता है?

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