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इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीय अभी तक जिंदा हैं. यह दावा अंग्रेजी अखबार 'द संडे गार्जियन' ने किया है. रिपोर्ट में पाकिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है. इस साल जून में इराक के मोसुल शहर में आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया' (आईएसआईएस) ने बंधक बना लिया था.
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी के सूत्र ने शनिवार को इस्लामिक स्टेट कमांडर से दो बार बात की थी. दोनों बार आईएसआईएस की ओर से यही कहा गया कि सभी भारतीय जिंदा हैं और आईएसआईएस के कब्जे में हैं. अखबार का कहना है कि वह इस संबंध में आईएसआईएस से भी संपर्क करने का प्रयास कर रहा है. गौरतलब है कि टीटीपी उन आतंकी संगठनों में एक है, जिन्होंने सबसे पहले आईएसआईएस का समर्थन करने का ऐलान किया था.
अगवा भारतीयों पर सुषमा स्वराज का बयान
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर कहा था सरकार का बंधकों से फिलहाल सीधा संपर्क नहीं है, लेकिन छह सूत्रों का दावा है कि वे जीवित हैं. हालांकि, सरकार के पास बंधकों के जीवित या मृत होने के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं है. सुषमा ने कहा था,' सारी खबरें उस हरजीत मसीह के बयान पर आधारित हैं, जिसके बयानों में काफी विरोधाभास है, जबकि सरकार के संपर्क वाले सूत्रों ने गुरुवार रात तक यह दावा किया है कि भारतीय बंधक जीवित हैं.'
उन्होंने कहा कि सरकार के पास दो विकल्प हैं- पहला यह है कि हरजीत के बयान पर भरोसा कर उन 39 लोगों की तलाश बंद कर दी जाए. जबकि दूसरा यह है कि हम उन छह सूत्रों की बात पर भरोसा कर तलाश जारी रखें, जिन्होंने गुरुवार रात तक यह दावा किया है कि बंधक बनाए गए 39 भारतीय जीवित हैं.