
पाकिस्तान के संवेदनशील प्रतिष्ठानों की कथित तौर पर जासूसी करते हुए पकड़े जाने पर साल 2011 में निर्वासित किए गए ब्लैकलिस्टेड अमेरिकी नागरिक को यहां हवाई अड्डे पर पहुंचने के कुछ समय बाद गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि गिरफ्तारी से पहले आव्रजन अधिकारियों ने उसे प्रवेश की मंजूरी दे दी थी.
मिल गई प्रवेश की मंजूरी
जासूसी के आरोप में निर्वासित किए जाने के बाद मैथ्यू क्रैग बैरेट के पाकिस्तान में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था. शनिवार सुबह जब मैथ्यू बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचा तो उसे आव्रजन अधिकारियों
ने प्रवेश की मंजूरी दे दी.
गिरफ्तारी का दिया आदेश
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि जब यह बात गृह मंत्री निसार अली खान की जानकारी में आई तो उन्होंने मैथ्यू को गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए और हवाईअड्डे पर तैनात आव्रजन
अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
छापेमारी में हुई गिरफ्तारी
बयान में कहा गया कि मैथ्यू को संघीय जांच एजेंसी और पुलिस अधिकारियों ने इस्लामाबाद के एक गेस्ट हाउस पर संयुक्त रूप से छापेमारी करके गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ आव्रजन नियमों का उल्लंघन करने के
लिए एफआईआर दर्ज की गई.
एफआईए के अधिकारियों पर केस दर्ज
द डॉन की खबर के मुताबिक, गृहमंत्री ने उन परिस्थितियों की जांच के आदेश दिए हैं, जिनके अंतर्गत मैथ्यू को पाकिस्तानी वीजा दिया गया. पुलिस के सूत्रों ने कहा कि एफआईए के दो आव्रजन अधिकारियों- सब-इंस्पेक्टर राजा आसिफ और उनके बेटे एहतेशामुल हक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एहतेशाम को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि उसके पिता की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
हवाईअड्डे के अधिकारी निलंबित
मंत्री ने एफआईए के सहायक निदेशक को पहले ही निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही उन आव्रजन अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है, जो हवाईअड्डे पर मैथ्यू को मंजूरी दिए जाने के दौरान ड्यूटी पर थे.
उन्होंने मामले की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल के गठन के निर्देश भी दिए हैं.
वीजा जारी करने वालों पर होगी कार्रवाई
गृहमंत्रालय ने कहा कि मैथ्यू को वीजा जारी करने के लिए जिम्मेदार उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जाएगी, जो ह्यूस्टन स्थित पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास में तैनात थे. इस्लामाबाद स्थित
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने अखबार को बताया कि निजता के कानून ने उन्हें अमेरिकी नागरिक के बारे में उसकी सहमति के बिना कोई जानकारी जारी करने से रोका.