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संदिग्ध पाकिस्तानी बोट ब्लास्ट मामले में जांच के दौरान नई थ्योरी सामने आई है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने संदेह जताया है कि बोट पर सवार लोगों की मौत
जलकर नहीं, बल्कि जहर खाने से हुई थी.
इंडिया टुडे ग्रुप के अंग्रेजी न्यूज चैनल हेडलाइन्स टुडे में करन थापर को दिए इंटरव्यू में पर्रिकर ने कहा, 'हो सकता है कि बोट पर सवार लोगों ने नाव में आग लगाने से पहले
सायनाइड पिल खाई हो.' उन्होंने कहा, 'सबूत मिटाने के लिए उन्होंने ऐसा किया होगा.'
पर्रिकर ने कोस्ट गार्ड और नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन पर लग रहे आरोपों का भी खंडन किया. दोनों संस्थाओं पर मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं. इंटरव्यू में पर्रिकर से पूछा गया कि अगर बोट पर सवार लोग आतंकी थे तो उन्होंने लड़ाई करने या ब्लास्ट करने की बजाय बोट में आग क्यों लगा दी?
मनोहर पर्रिकर ने कहा, 'आपको कैसे पता है कि उनकी मौत जलकर हुई? हो सकता है कि उन्होंने सायनाइड पिल खायी हो और फिर बोट में आग लगा दी हो.' सरकार रिलीज करेगी घटना की फुटेज
पर्रिकर ने उन संभावनाओं को खारिज किया है जिसके मुताबिक बोट में धमाका कोस्ट गार्ड की फायरिंग के चलते हुआ. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इस घटना का फुटेज
रिलीज किया जाएगा. स्मग्लर नहीं, आतंकी थे बोट सवार: पर्रिकर
घटना से जुड़ी ये थ्योरी भी सामने आई है कि बोट पर सवार लोग आतंकी नहीं, स्मगलर थे. पर्रिकर ने दावा किया है वो चारों शख्स आतंकी थे. इसके पीछे उन्होंने दो
दलील भी पेश की-
1. अगर वो स्मगलर थे तो भारतीय इलाके में 15-16 घंटे तक क्या कर रहे थे?
2. जब कोस्ट गार्ड की ओर से उन्हें चुनौती दी गई तो उन्होंने सरेंडर क्यों नहीं किया?
हालांकि 5 जनवरी को करांची की ओर से कहा गया था कि पोरबंदर में ब्लास्ट हुए नाव का नाम कलंदर था. साथ ही यह भी शक जताया था कि इस घटना के तार पाकिस्तान में मौजूद ड्रग माफिया से जुड़े हो सकते हैं.