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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मुसलमानों के एक समूह ने मंगलवार को एक ईसाई दंपति को मारा पीटा और जिंदा जला दिया. दंपति पर कथित तौर पर कुरान को नापाक करने का इल्जाम था. घटना कसूर जिले के कोट राधा किशन के एक गांव में हुई है. घटना के बाद से गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
पीड़ित दंपति के रिश्तेदार ईमानुअल सरफराज ने बताया कि शहजाद मसीह (35) और उसकी पत्नी शमा (31) कुछ समय से चाक 59 गांव के पास मोहम्मद युसूफ गुज्जर की भट्टे में काम कर रहे थे. युसूफ उनके पारिश्रमिक का भुगतान नहीं कर रहा था, जिस वजह से दंपति अपने चार बच्चों के साथ भट्टा छोड़कर जाना चाहते थे. युसूफ ने भट्टा छोड़कर जाने पर उनसे 5 लाख रुपये की मांग की. सरफराज ने कहा, 'दो दिन पहले बहस के बाद युसूफ ने दंपति को उनके बच्चों समेत एक कमरे में बंद कर दिया.'
इल्जाम लगाया और फिर...
सरफराज ने बताया कि चाक 59 गांव की दो मस्जिदों ने मंगलवार को घोषणा की कि शहजाद मसीह और उसकी पत्नी ने कुरान के पन्ने जलाकर ईशनिंदा की है. इसके बाद इलाके के मौलवियों के नेतृत्व में बहुत सारे मुसलमान भट्टे पर पहुंचे और दंपति के कमरे में घुसकर उन्हें घसीटते हुए कमरे से बाहर निकाला. भीड़ ने पहले उन्हें मारा पीटा और फिर उन्हें भट्टे में फेंक दिया.
सरफराज का कहना है कि युसूफ ने पैसों के विवाद को खत्म करने के लिए दंपति के खिलाफ ईशनिंदा के गलत आरोप लगाए और भीड़ में से किसी ने भी उनके बेगुनाह होने की गुहारें नहीं सुनीं. हालांकि भीड़ ने दंपति के बच्चे को नहीं जलाया. दिलचस्प यह कि पास के पुलिस थाने की पुलिस समय पर पहुंचने के बावजूद बीच बचाव करने नहीं आई.
पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन ह्यूमन लिबरेशन कमीशन के प्रमुख असलम सहोत्रा ने कहा कि उन्होंने कसूर के जिला मुख्यालय अस्पताल का दौरा किया और दंपति के अवशेष देखे. उन्होंने कहा, 'वहां केवल राख ही राख थी और दंपति की कुछ हडिड्यां थीं जिन्हें दफनाया जाना बाकी है.'
-इनपुट भाषा से