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पाकिस्तान ने लगाई पाबंदी, अब 29 हजार फीट से नीचे उड़ान नहीं भर सकते विदेशी विमान

इंडियन एयरलाइन के एक कमांडर ने कहा कि आकाश में नीचे विमानों पर रोक लगाने के पीछे वजह ये हो सकती है कि पाकिस्तानी मिलिट्री जेट इस दौरान हवा में एक्सरसाइज करें. कराची जहां राजस्थान और गुजरात बॉर्डर के पास है, जबकि लाहौर जम्मू-कश्मीर और पंजाब के करीब है.

भारतीय विमान पाकिस्तान होकर ही पश्चिमी और गल्फ देशों में जाते हैं भारतीय विमान पाकिस्तान होकर ही पश्चिमी और गल्फ देशों में जाते हैं
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

पाकिस्तान ने अपने देश के लगभग पूरे एयरस्पेस पर रेस्ट्रिक्शन लगा दिया है. इससे पहले पाकिस्तान ने कराची के एयरस्पेस में 33 हजार फीट से नीचे विमानों के उड़ने पर रोक लगा दी थी. अब लाहौर के एयरस्पेस में विदेशी कॉमर्शियल फ्लाइट्स 29 हजार फीट से नीचे नहीं उड़ सकेंगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का ये कदम भारत को टार्गेट करके किया जा रहा है. पाकिस्तान की ओर से जारी एक नोटिस में फ्लाइट्स पर रेस्ट्रिक्शन लगाने के पीछे ऑपरेशनल रीजन बताया गया है. कराची में जहां एक हफ्ते तक के लिए रोक लगाई गई थी, लाहौर में 31 अक्टूबर तक के लिए प्रतिबंध रहेगा. इंडियन एयरलाइन के एक रूट प्लानर ने बताया कि प्रतिबंध के चलते पाकिस्तान के रास्ते पश्चिमी और गल्फ देशों को जाने वाली फ्लाइट्स देर हो सकती हैं.

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इंडियन एयरलाइन के एक कमांडर ने कहा कि आकाश में नीचे विमानों पर रोक लगाने के पीछे वजह ये हो सकती है कि पाकिस्तानी मिलिट्री जेट इस दौरान हवा में एक्सरसाइज करें. कराची जहां राजस्थान और गुजरात बॉर्डर के पास है, जबकि लाहौर जम्मू-कश्मीर और पंजाब के करीब है.

PMO कर रहा हवाई समझौता रिव्यू
उधर, पीएमओ पाकिस्तान के साथ हवाई समझौते को रिव्यू कर रहा है कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स को भारत में उड़ने की अनुमति दी जाए या नहीं. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की न्यूक्लियर फैसिलिटी लाहौर में है और भारत को कभी भी उस जगह पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती.

चूंकि ज्यादातर भारतीय विमान पाकिस्तान होकर ही पश्चिमी और गल्फ देशों में जाते हैं, इस प्रतिबंध की वजह से उन्हें वैकल्पिक रूट तलाश करने पड़ेंगे. सूत्रों के मुताबिक, फ्लाइट्स अहमदाबाद से होकर अरब सागर पार कर सकती है. वहीं, चीन होकर भी फ्लाइट्स जा सकती हैं, लेकिन अधिकारी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि चीन सहयोग करेगा या नहीं.

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