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क्या खिचड़ी सरकार बनाएंगे इमरान? बहुमत जुटाने में छूट रहे पसीने

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी नेशनल एसेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन वह बहुुमत के आंकड़े से काफी दूर है. आंकड़े जुटाने में उसके सामने मुश्किल यह है कि कई छोटे-छोटे दलों का सहारा लेना पड़ रहा है.

पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी पीटीआई को मिली जीत पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी पीटीआई को मिली जीत
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

पाकिस्तान की जनता ने इमरान खान को जीत तो दी है, लेकिन कुछ सीटों की जो कमी रह गई है, उसकी वजह से सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी को एड़ी-चोटी एक करनी पड़ रही है. सबसे मुश्किल यह है कि इमरान जो सरकार बनाएंगे, वह दो-चार सांसदों वाली कई छोटी पार्टियों के साथ बनी खिचड़ी सरकार होगी.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी नेशनल एसेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तो उभरी है, लेकिन उसे बहुमत हासिल नहीं हुआ है. पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के मुताबिक उसे कुल 115 सीटें ही मिली हैं. पाकिस्तान के कानून के मुताबिक किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए उसके पास कम से कम 137 सीटें होनी चाहिए. पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव हुए थे.

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इस नतीजे के हिसाब से पहली नजर में तो लग रहा है कि इमरान साधारण बहुमत से 22 सीटें दूर हैं. लेकिन गणित इनता साधारण नहीं है, इसमें एक पेच है. पीटीआई के कुछ नेता कई सीटों पर विजयी हुए हैं और वे केवल एक सीट पर ही बने रह सकते हैं. जैसे खुद इमरान खान पांच सीट पर चुनाव जीते हैं और उन्हें चार सीटें छोड़नी होंगी.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) को 64 और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) को 43 सीटें मिली हैं. दोनों दल मिलकर पीटीआई सरकार को संसद में कड़ी टक्कर देंगे.

पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, पीटीआई के एक नेता सरवर खान भी दो सीटों से खड़े थे और उन्हें भी एक सीट छोड़नी होगी. खैबर पख्तूनवा के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खताक नेशनल एसेंबली और प्रांतीय एसेंबली, दोनों की सीटों पर विजयी हुए हैं, और वह भी नेशनल एसेंबली की सीट छोड़ेंगे. इस तरह पीटीआई के पास महज 109 सीटें बचती हैं.

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पीटीआई ने साफ किया है कि वह सरकार बनाने के लिए PML-N और PPP की मदद नहीं लेगी, इसलिए अब इमरान को कई छोटे-छोटे गुटों का सहारा लेना होगा. उन्हें साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 137 सीटें चाहिए.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीटीआई के नेता मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) और कई निर्दलियों के संपर्क में हैं. एमक्यूएम-पी के पास छह सीटें हैं. नेशनल एसेंबली में 13 निर्दलीय चुनकर आए हैं. पीटीआई नेताओं ने सिंध के ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) से भी समर्थन के लिए संपर्क किया है. जीडीए के पास दो सांसद हैं. हालांकि, अभी तक जीडीए ने समर्थन का संकेत नहीं दिया है.  

एक अन्य दल पीएमएल-कायद (PML-Q) के पास भी चार सीटें हैं, लेकिन इसमें भी पंजाब के पूर्व सीएम चौधरी परवेज इलाही दो सीटों से विजयी हुए हैं. यानी अगर इस पार्टी ने इमरान सरकार को समर्थन दिया भी तो सिर्फ तीन सांसदों का ही समर्थन मिलेगा. इमरान सरकार को बलूचिस्तान आवामी पार्टी (BAP) का भी समर्थन मिल सकता है. इस दल के पास चार सीटें हैं. तो जीडीए, एमक्यूम-पी, पीएमएल-क्यू और अवामी मुस्लिम आदि को मिलाकर इमरान को कुल 122 सांसदों का समर्थन हासिल होगा, यानी इसके बावजूद उनके पास बहुमत से 15 संख्या कम होगी. इतने तो निर्दलीय भी जीतकर नहीं आए हैं.

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कैसे बनेगी सरकार? 

PTI      109 सीट

MQM-P  6 सीट

PML-Q    3 सीट

BAP    4 सीट

इमरान को कुल संभावित समर्थन- 122 

बहुमत के लिए चाहिए 137

घट रही सीटें- 15

निर्दलीय- 13

जीडीए- 2 

नेशनल एसेंबली में कुछ और छोटी पार्टियां भी जीतकर आई हैं, जो किस तरफ जाएंगी, अभी कोई संकेत नहीं है. बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (BNP-M) के तीन सदस्य हैं. इसके अलावा जम्हूरी वतन पार्टी, अवामी नेशनल पार्टी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसानियत पार्टी की एक-एक सीटें हैं.

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