
नववर्ष पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से किए गए ट्वीट के बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है. लिहाजा वह अब अनाप-सनाप बयानबाजी कर रहा है. गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में उनके देश के खिलाफ की गई टिप्पणी यह दिखाती है कि वो भारत की भाषा बोल रहे हैं.
ट्रंप के बयान के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तनाव के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा की संसदीय समिति को जानकारी देते हुए आसिफ ने कहा कि अफगानिस्तान में अपनी विफलता के लिए अमेरिका पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है. ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाए थे कि उसने 33 अरब डॉलर अमेरिकी मदद के बदले सिर्फ झूठ बोला और धोखा दिया. उसने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की और उनको पनाह दिया.
'US के बयान पर प्रतिक्रिया जरूरी'
सूत्रों ने बताया कि आसिफ ने सांसदों से कहा कि अब डोनाल्ड ट्रंप भारत की भाषा बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी नेताओं के बयान तथ्यों से परे हैं. निकाय का नेतृत्व करने वाले नेशनल एसेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने बैठक के बाद कहा कि अमेरिका के बयानों पर संतुलित प्रतिक्रिया होनी चाहिए.
बंद कमरे में हुई बैठक
अयाज सादिक ने कहा कि अमेरिका के साथ संबंध बनाए रखते हुए देश की गरिमा को बनाए रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समिति ने सुरक्षा एजेंसियों की ओर से अगले हफ्ते जानकारी देने के लिए एक और बैठक करने का निर्णय किया है. उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक और इस हफ्ते की शुरुआत में कैबिनेट की बैठक के बाद बंद कमरे में इस बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में रक्षामंत्री खुर्रम दस्तगीर भी मौजूद थे.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने राजनयिक तरीके से रखा था अपना रुख
पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो के मुताबिक दस्तगीर ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने जब पाकिस्तान का दौरा किया था, तो उन्होंने राजनयिक नियमों के मुताबिक अपना रुख रखा था. उनका वार्तालाप धमकी भरा और अपमानजनक नहीं था.
ट्रंप की भाषा में पाकिस्तान के लिए धमकी दिखी
पाकिस्तानी रक्षामंत्री ने अमेरिकी नेताओं की भाषा का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रंप के ट्वीट में धमकी दिखी और उससे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने अफगानिस्तान से कहा कि पाकिस्तान पर नजर है. पाकिस्तानी विदेश सचिव तहमीना जंजुआ और एनएसए लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नसीर जंजुआ ने भी बैठक को संबोधित किया.