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अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के साफ संदेश का असर पाकिस्तान पर होता नजर आ रहा है. पड़ोसी मुल्क ने 12 कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इनमें मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद का आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठन भी शामिल हैं.
जानकार इसे पाकिस्तान की रक्षा नीति के लिहाज से एक बड़ा बदलाव मान रहे हैं. इस प्रतिबंध की औपचारिक घोषणा आने वाले दिनों में हो सकती है.
यह फैसला जॉन केरी के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकी मुल्ला फजलुल्लाह को 'विशेष रूप से नामित ग्लोबल आतंकवादी' बताया था. मुल्ला फजलुल्लाह ने ही 16 दिसंबर को पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी.
...पर जमीनी हालात ये हैं
कागजों पर प्रतिबंध की बात जरूर है, लेकिन जमीनी हालात इससे अलग बताए जा रहे हैं. भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल के.एच. सिंह ने आशंका जताई है कि भारत-पाक सीमा से आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सीमा के पास पाकिस्तान ने 36 वॉर रूम बनाए हैं ताकि वह भारत के 'सॉफ्ट टारगेट' इलाकों को निशाना बना सके. सिंह ने कहा कि ओबामा के भारत दौरे के दौरान आतंकी हाईवे और स्कूल्स को निशाना बना सकते हैं.
केएच सिंह ने दावा किया है कि यह काम आईएसआई करवा रही है. उनका कहना है कि वॉर रूम में हथियारबंद आतंकवादी, पाकिस्तानी सेना के जवान, लोकल कमांडर, स्पेशल सर्विस ग्रुप के लोग और आईएसआई अधिकारी मौजूद हैं.