
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 23 दलों का एक ‘महागठबंधन’ बनाया था. इसका नाम पाकिस्तान अवामी इत्तेहाद है. इसकी घोषणा के एक दिन बाद ही कई पार्टियां उससे अलग हो गई हैं. पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है.
एजेंसी की खबर के मुताबिक गठबंधन की दो बड़ी पार्टियां पाकिस्तान अवामी तहरीक और मजलिस वहदत-ए-मुसलमीन ने मुशर्रफ की अगुवाई वाले गठबंधन का हिस्सा होने की रिपोर्ट से इनकार कर दिया.
दुबई से शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए 74 वर्षीय मुशर्रफ ने मीडिया कर्मियों से कहा था कि मुहाजिर समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली सभी पार्टियों के एकजुट होने की जरूरत है. मुशर्रफ भी मुहाजिर हैं और पिछले साल मार्च में पाकिस्तान से दुबई चले गए थे. वह पाकिस्तान अवामी इत्तेहाद के प्रमुख हैं और इकबाल डार को इसका महासचिव नियुक्त किया गया है.
पार्टियों ने गठबंधन का हिस्सा होने से किया इनकार
पाकिस्तान अवामी तहरीक ने अपने को गठबंधन से अलग कर लिया था. इसके तुरंत बाद मजलिस वहदत-ए-मुसलमिन (एमडब्ल्यूएम) ने भी गठबंधन का हिस्सा होने से इनकार कर दिया.
एमडब्ल्यूएम के सूत्रों ने कहा, ‘गठबंधन को लेकर ना ही हमसे किसी ने संपर्क किया और ना ही हमारे किसी नेता ने किसी राजनीतिक या चुनावी गठबंधन से जुड़ी बैठक में हिस्सा लिया.’ सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के अध्यक्ष साहबजादा हमीद रजा ने भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने अवामी इत्तेहाद के साथ चुनावी मकसद से गठबंधन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि चुनावी सियासत महागठबंधन अहल-ए-सुन्नत के जरिए किया जाएगा.