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मुंबई हमलों के आरोपी लखवी के वॉयस सैंपल को सबूत मानने से पाकिस्तान ने किया इनकार

पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के आरोपी लखीउर रहमान लखवी के वॉयस सैंपल को सबूत मानने से भी इनकार कर दिया है.

aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 18 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिखावा करने वाले पाकिस्तान का लखवी के मामले पर असल चेहरा सामने आ गया है. अब पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के आरोपी लखीउर रहमान लखवी के वॉयस सैंपल को सबूत मानने से भी इनकार कर दिया है.

कानून की आड़ लेने की कोशिश
पाकिस्तान में मामले के एक शीर्ष अभियोजक ने कहा है कि इस केस में लखवी के वॉयस सैंपल सबूत के तौर पर इस्तेमाल ही नहीं किए जा सकते क्योंकि पाकिस्तान में इसकी विश्वसनीयता को मानने संबंधी कोई कानून ही नहीं है.

भारत देता रहा है सबूत
पिछले चार साल से मुम्बई हमले के मास्टरमांइड लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकवादी जकी उर रहमान लखवी की आवाज के नमूने हासिल करने के लिए अदालत में याचिका पर याचिका दायर करने वाली संघीय जांच एजेंसी-एफआईए ने यह दावा करते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि लखवी के खिलाफ मामले की सुनवाई में यह निरर्थक है.

एफआईए ने झाड़ा पल्ला
एफआईए का अब कहना है कि भारतीय खुफिया एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई गई लखवी की मुम्बई हमले के हमलावरों से बातचीत की सीडी को सबूत के तौर पर नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है. अभियोजक ने बताया कि मौजूदा कानून इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के इस्तेमाल की अनुमति देता है, लेकिन यहां ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत यह प्रावधान हो कि आरोपी की आवाज के नमूने जबरन लिए जाए ताकि बाद में उसे उपलब्ध रिकार्डिंग से मिलाकर देखा जाए.

उफा में जताई थी सहमति
रूस के उफा में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बाद लखवी की आवाज के नमूने के मसले ने तूल पकड़ लिया है. भारतीय पक्ष ने उस मुलाकात के दौरान लखवी की आवाज के नमूने को मौजूदा रिकार्डिंग से मिलाने का मुद्दा उठाया था. इसके बाद अभियोजन पक्ष के वकील मोहम्मद अजहर चौधरी ने कहा कि आवाज के नमूने हासिल करने का मसला अब बंद हो चुका है.

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