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पाकिस्तान ने सोमवार को भारत के उप उच्चायुक्त को तलब किया और ‘बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन’ की बात कहते हुए विरोध दर्ज कराया. एक दिन पहले ही भारत ने भी एलओसी पर पाकिस्तान के जवानों की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने पर इसी तरह का विरोध दर्ज कराया था.
शांति बनाए रखें भारतीय सैनिक
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि उसने 15 और 16 अगस्त को कोटली सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय जवानों की ओर से किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन पर विरोध दर्ज कराया.
विदेश कार्यालय ने कहा, ‘ भारत की ओर से गोलीबारी में 15 नागरिक घायल भी हो गए.’
विदेश कार्यालय ने कहा कि उप उच्चायुक्त जेपी सिंह से कहा गया कि भारत को घटनाक्रम की जांच करनी चाहिए और पाकिस्तान के साथ जांच के निष्कर्ष को साझा करना चाहिए. उनसे कहा गया कि भारत को अपने सैनिकों को जम्मू कश्मीर में एलओसी पर संघर्ष विराम का सम्मान करने और शांति बनाए रखने का निर्देश देना चाहिए.
भारत ने भी दर्ज कराया था विरोध
विदेश कार्यालय ने यह भी कहा, ‘ पाकिस्तान खेद और गहरी चिंता के साथ इस बात का संज्ञान लेता है कि पिछले दो महीने में अब तक एलओसी पर और कामकाजी सीमा पर भारत की ओर से 70 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा चुका है. ’ भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया था और एलओसी पर पाकिस्तानी जवानों द्वारा हाल ही में संघर्ष विराम उल्लंघन किए जाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
एनएसए स्तर की वार्ता को तैयार
बासित को नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और इस दौरान भारत ने उक्त मुद्दे पर ऐतराज जताया. बासित को ऐसे समय में तलब किया गया जब दोनों देश एनएसए स्तर की पहली वार्ता के लिए तैयार हैं. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज नई दिल्ली में 23 अगस्त को पहली बार आतंकवाद से जुड़े विषयों पर बातचीत करेंगे.
इनपुट- भाषा