
आभूषण निर्माताओं के संगठन जीजेएफ ने दो लाख रुपये से ज्यादा के लेन देन पर पैन अनिवार्य करने के सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इस कदम का उनके कारोबार पर बहुत प्रतिकूल असर होगा. जीजेएफ ने पैनकार्ड की इस बाध्यता को लागू न करने के साथ मौजूदा 5 लाख रुपये की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की मांग की है.
सोने की तस्करी बढ़ेगी
जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन जी वी श्रीधर ने कहा कि पैन की अनिवार्यता से विशेषकर ग्रामीण भारत में आभूषण बिक्री प्रभावित होगी और इससे असंगठित बाजार के साथ-साथ सोने की तस्करी में तीव्र बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही फेडरेशन ने काले धन पर काबू पाने के लिए इस कदम को अव्यावहारिक करार दिया है.
बिक्री में 50 प्रतिशत की गिरावट
इसके अनुसार 10 महानगरों में भी बिक्री में 50 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है. उन्होंने कहा, अगर दो लाख रुपये से अधिक के नकदी लेन देन के लिए पैन कार्ड बताना एक जनवरी से अनिवार्य किया जाता है तो आभूषण उदयोग ढह जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि सरकार के इस कदम से संगठित आभूषण बाजार की भागीदारी कम होगी.
70 फीसदी कारोबार ग्रामीण क्षेत्र में
जीजेएफ के अध्यक्ष श्रीधर जी वी ने कहा कि आभूषण का 70 फीसदी कारोबार ग्रामीण क्षेत्र में होता है. इस क्षेत्र के ज्यादातर खरीदार न तो आयकर दायरे में आते हैं और ना ही उनके पास पैनकार्ड होता है. इस क्षेत्र के खरीदार शादी हेतु आमतौर पर कम से कम 3 से 5 लाख रुपये के गहने खरीदते हैं. लिहाजा पैनकार्ड अनिवार्यता से ज्वेलरों का धंधा चौपट हो जाएगा.
खत्म हो पैनकार्ड की बाध्यता
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को आभूषण क्षेत्र के लिए पैनकार्ड की बाध्यता खत्म करनी चाहिए. जीजेएफ ने केंद्र सरकार से सोना-चांदी पर आयात शुल्क को भी कम करने की मांग की है. श्रीधर ने कहा आयात शुल्क 10 फीसदी होने पर भी इस वित्त वर्ष रिकॉर्ड 1000 टन सोना आयात होने का अनुमान है.
गौरतलब है कि देश में काले धन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने दो लाख रुपये से ज्यादा के नकद लेन-देन पर परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही नए नियमों के मुताबिक एक बार में दो लाख रुपये या इससे अधिक के आभूषण और सोना, चांदी खरीदने पर भी पैन का उल्लेख करना होगा. सोना, चांदी और जेवरात खरीद को भी कालेधन का प्रमुख स्रोत माना जाता है. वर्तमान में पांच लाख और इससे अधिक के आभूषण खरीद पर पैन बताने की आवश्यकता थी.