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उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी के बीच सोमवार को 'पंचायत आज तक' का मंच सजा. अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर इस मंच पर आए तो थे सरकार के कामकाज का बखान करने, लेकिन कानून व्यवस्था के सवाल पर ऐसे फंसे कि बगलें झांकने लग गए.
मंच पर मौजूद कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं और समारोह में मौजूद लोगों ने उत्तर प्रदेश में खस्ताहाल कानून व्यवस्था को लेकर ऐसे तीखे सवाल पूछे कि खाद्य और रसद के मंत्री कमाल अख्तर को जवाब नहीं सूझा.
लड़कियों पर छींटाकशी पर नहीं सूझा जवाब
समारोह में मौजूद कानपुर के एक टीचर ने पूछा कि शहर में हालत यह हैं कि लड़कियों के स्कूल-कॉलेज जाते समय जमकर छींटाकशी होती है. इस कारण मां-बाप उन्हें स्कूल भेजना बंद करने की सोच रहे हैं. इसके जवाब में कमाल अख्तर सिर्फ इतना कह सके कि इक्का-दुक्का ऐसी घटनाएं हो सकती हैं.
आबादी ज्यादा, इसलिए क्राइम ज्यादा
समाजवादी पार्टी सरकार की नुमाइंदगी कर रहे कमाल अख्तर से पूछा गया कि नेशनल क्राइम ब्यूरो के के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा अपराध की घटनाएं हुई हैं तो कमाल अख्तर का जवाब था कि ऐसा इसलिए कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है.
गुजरात से पहले अपने गिरेबान में झांके
मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कमाल अख्तर से कहा, 'दलितों के साथ अत्याचार और अपराध की सबसे ज्यादा घटनाएं उत्तर प्रदेश में हो रही हैं. समाजवादी पार्टी को गुजरात की बात करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.'
हाईटेक पुलिस की खस्ता हेल्पलाइन
कार्यक्रम के दौरान कमाल अख्तर ने यह कहकर अपनी सरकार की पीठ थपथपानी चाही कि यूपी में पुलिस हाईटेक हो गई है और उनकी सरकार ने मुसीबत में फंसी महिलाओं के लिए 1090 की हेल्प लाइन शुरू की है. लेकिन मंच पर जब उनसे पूछा गया कि 1090 की हेल्प लाइन मौके पर मदद नहीं पहुंचाती और अगर यकीन ना हो तो अभी नंबर डायल करके इसकी जांच की जा सकती है तो कमाल अख्तर ने बात बदलने में ही भलाई समझी.
'सड़कें बनाने का काम बीजेपी का'
कमाल अख्तर ये भी बखान कर रहे थे कि समाजवादी पार्टी की सरकार में सड़कें बनाने का जैसा काम हुआ है, वैसा आज तक नहीं हुआ. लेकिन जब उनसे पूछा किया गया कि कानपुर स्टेशन से लेकर शहर तक की सड़क इतनी खस्ताहाल क्यों है तो कमाल अख्तर सिर्फ यही बोल पाए कि कानपुर का मेयर बीजेपी का है और शहर में सड़कें बनाना उन्हीं का काम है.