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भारत और चीन के बीच LAC पर तनाव घटाने में बड़ी बाधा बनी है पैंगॉन्ग झील

सूत्रों ने बताया कि बातचीत आगे जारी रहने की संभावना है और तनाव में कमी लाने की दिशा में काम किया जाएगा. पैंगॉन्ग त्सो झील के अलावा, चीन ने झील के फिंगर 4 क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है, जो परंपरागत रूप से भारत नियंत्रित गलवान घाटी में रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अभि‍षेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

  • चीन ने झील के फिंगर 4 क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है
  • परंपरागत रूप से भारत नियंत्रित गलवान घाटी में रहा है

भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत सोमवार को 11 घंटे तक चली लेकिन पैंगॉन्ग त्सो झील पर स्थिति विवाद की अहम वजह बनी हुई है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बड़े बिल्ड-अप के बीच ये बातचीत हुई.

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सूत्रों ने बताया कि बातचीत आगे जारी रहने की संभावना है और तनाव में कमी लाने की दिशा में काम किया जाएगा. पैंगॉन्ग त्सो झील के अलावा, चीन ने झील के फिंगर 4 क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है, जो परंपरागत रूप से भारत नियंत्रित गलवान घाटी में रहा है. यहां LAC के बहुत करीब दोनों तरफ सैनिक पहरेदारी करते हैं. सूत्रों के मुताबिक, ये मुद्दा भी सोमवार की बातचीत में उठा.

झील के उत्तरी तट पर न सिर्फ चीनियों ने बड़ी संख्या में आकर डेरा डाला बल्कि किलेबंदी भी करने लगे. उन्होंने फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच सैनिकों की तैनाती को बढ़ाया. भारत का फिंगर 8 तक अपना क्षेत्र होने के दावे के बावजूद इस क्षेत्र को ग्रे जोन माना जाता है.

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आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जा रहा है

झील को 8 फिंगर्स में बांटा गया है. सेना की बातचीत में झील तक आने वाले संकरे पहाड़ी रास्तों को फिंगर्स कहा जाता है. टॉप कमांडरों के बीच 6 जून को हुई पिछली बैठक की तरह, भारत मई के बिल्ड-अप से पहले की स्थिति को बहाल करने पर जोर दे रहा है.

इस बीच, भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे मंगलवार को लद्दाख पहुंच रहे हैं. उनका दौरा ऐसी पृष्ठभूमि में हो रहा है जब 15 जून की खूनी झड़प के बाद LAC पर बिल्ड-अप बना हुआ है. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. चीन की तरफ भी कई सैनिकों के हताहत होने की सूचना थी जिसकी बीजिंग ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की.

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सेना प्रमुख का दौरा ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लेने के लिए है. वो ग्राउंड पर स्थित कमांडर्स से वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे. अपने दो दिवसीय दौरे पर सेना प्रमुख के श्रीनगर जाने की भी उम्मीद की जा रही है. घाटी में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जा रहा है.

पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर तैयारियों का आकलन करने के लिए देश भर के टॉप सैन्य कमांडर के साथ सेना का उच्च नेतृत्व दिल्ली में बैठक कर रहा है.

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